रायपुर। सावन महीने की शुरूआत हो चुकी है, लेकिन अब भी प्रदेश में जरूरत के अनुसार बारिश नहीं हो रही है। मानसून की बेरुखी से चारों तरफ सूखे की स्थिति निर्मित होने लगी है। तालाब लगभग सूखने की कागार पर है। इधर खेतों में दरारें बढ़ने से किसान परेशान हैं।
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मानसून के बाद से अब तक 345 मिली बारिश दर्ज किया गया है। जोकि सामान्य से 21 प्रतिशत कम है। 17 जिलों में 22 से 57 फीसदी कम वर्षा हुई हैं। जिले में बारिश के अभाव में किसान पिछड़ गए हैं, और खेतों की बुआई 50 प्रतिशत पीछे है।
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कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश में धान, दलहन, तिलहन, मूंग, सोयाबीन की बोआई की जा चुकी है। इन फसलों को 1200 मिली बारिश का पानी चाहिए है यानि कि 800 मिली और बारिश की आवश्यकता है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जुलाई माह में भारी बारिश की स्थिति नहीं बन रही है। बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम मजबूत हुआ था, जिससे 15 सेमी वर्षा हुई। लिहाजा फिर से सिस्टम कमजोर पड़ गया है।
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