बिलासपुर: सुपेबड़ा किडनी की बीमारी से ग्रामीणों की मौत के मामले में हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। अब छत्तीसगढ़ शासन 14 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत करेगी। बता दें कि देवभोग के सुपेबेड़ा में गंदे पानी से ग्रामीणों की मौत और ग्रसित हुए लोगों के मामले में संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त कर मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया था।
बता दें कि गरियाबंद जिले के देवभोग स्थित सुपेबेड़ा जनपद में गंदा पानी पीने के कारण किडनी फेल होने से अब तक 70 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। वहीं कई ग्रामीण अभी भी किडनी की बीमारी स ग्रासीत हैं। ग्रसित हैं। समस्या के निवारण के लिए स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा था। लोगों की याचिका पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेकर न्यायमित्र का गठन किया था। मामले में स्टेट लीगल अथॉरिटी सर्विसेज की टीम ने सुपेबेड़ा में जाकर निरीक्षण कर कोर्ट को जवाब प्रस्तुत किया था, जिसमे बताया गया था कि गांव के भूजल में भारी धातुओं के साथ फ्लोराइड की मात्रा अधिक हो गई थी।
इस पानी को पीने से ग्रामीणों का किडनी फेल हो रहा है। गांव में अस्पताल नहीं होने की वजह से मरीजों को रायपुर या उड़ीसा के भवानिपट्टनम्म जाना पड़ता है। इस सुनवाई में कोर्ट में यह भी कहा गया कि वहां डायलिसिस मशीन तो लगा दिया गया है पर अबतक एक भी डायलिसिस नहीं किया गया।
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