भोपाल। नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने वाले प्यारे मियां केस में लड़की की मौत के मामले में संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग ने डीजीपी को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में सीएसपी उमेश तिवारी की भूमिका संदिग्ध बताई गई है, और सीएसपी तिवारी को एसआईटी से हटाने को कहा गया है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएसपी उमेश तिवारी को पॉस्को और जेजे एक्ट की जानकारी नहीं है, रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता था, लड़कियों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता था।
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रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी प्यारे मियां को मदद पहुंचा रहा था, एक अन्य महिला पुलिस अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है, शेल्टर होम के 15 जनवरी के सीसीटीवी फुटेज भी गायब हैं, राष्ट्रीय बाल आयोग ने बाकी लड़कियों को शेल्टर होम से दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने का निर्देश दिया है।
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बता दें कि प्यारे मियां केस में शेल्टर होम में रहने वाली एक लड़की की संदिग्ध मौत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था, और मामले पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया था।
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