भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों पर हो रहे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालात ये है कि बदमाशों ने 8 महीने में चार पुलिसकर्मियों की जान ले ली है। लगातार खाकी पर हो रहे हमलों से पुलिसकर्मी इतनी दहशत में हैं कि फील्ड पोस्टिंग से ही घबरा रहे हैं। थानों और फील्ड वर्क में तैनात पुलिसकर्मी लगातार हो रहे हमलों के बाद पुलिस मुख्यालय, ईओडब्लयू और लोकायुक्त जैसी जगहों पर ट्रांसफर चाह रहे हैं।
हाल की घटना की बात करें तो छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ थाना क्षेत्र के जमुनिया जेठू गांव में मंगलवार रात करीब एक बजे मारपीट के आरोपी जौहर सिंह को पकड़ कर ला रहे एएसआई देवचंद नागले की भीड़ ने कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला कर हत्या कर दी और आरोपी को छुड़ा कर भाग गए। छिंदवाड़ा में स्थिति ये थी कि आरक्षक और कोटवार ने भागकर अपनी जान बचाई। घटना के बाद पुलिस ने अधिकांश आरोपियों को तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन घटना के बाद से पुलिसकर्मी डरे हुए हैं।
यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित, केंद्र की मंजूरी के बाद कहलाएगा ‘बांग्ला’
खाकी पर हो रहे लगातार हमलों के बाद पुलिस मुख्यालय की भी चिंता बढ़ी हुई है। पुलिस मुख्यालय ने एक बार फिर फील्ड पर तैनात जवानों को दबिश के दौरान पूरी तैयारी से जाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस मुख्यालय ने साफ तौर पर कहा है कि जवान जब भी किसी खूंखार आरोपी को गिरफ्तार करने जाए तो हथियार साथ लेकर जाएं इसके अलावा बैकअप में भी तैयारी रखें, जिससे आगे इस तरह की घटना ना हो।
जानकारों के मुताबिक लगातार हो रहे हमलों से जवानों पर मानसिक तौर पर भी दबाब बढ़ रहा है। इसलिए मुख्यालय ये कोशिश कर रहा है कि जवानों को मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाया जाए। पुलिसकर्मियों के साथ हुई हाल की बड़ी वारदातों में 12 सितंबर 2017 को रायसेन के भारकच्छ कला में बदमाश अक्षय सिंह को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला, अक्षय के भाई औऱ साथियों ने हवलदार इंद्रपाल सेंगर पर गाड़ी चढ़ाई, इससे हवलदार की मौत हो गई। भोपाल में 16 जून 2018 को वाहन चैकिंग के दौरान एएसआई अमृतलाल भिलाला को कार से कुचला गया। भिलाल की इलाज के दौरान मौत हो गई। छतरपुर में दीपावली के दिन आरक्षक बालमुकुंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
यह भी पढ़ें : नितिन गडकरी ने मांगी ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफी, जानिए क्यों
इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे पुलिसकर्मियों का मनोबल गिर रहा है। मामले में आईपीएस राहुल कुमार ने कहा कि कुछ घटनाएं तो हुई हैं, लेकिन फील्ड पर तैनात जवानों को निर्देशित किया गया है कि वो पूरी तैयारी से दबिश दें।