सुकमा: यूं तो चुनाव आते ही नेताओं को कार्यकर्ता खुब भाने लगते हैं और चुनाव के खत्म होते ही नेताओं की याददाश्त कार्यकर्ताओं के प्रति लगभग कम हो जाती है। या यूं कहें की कार्यकर्ताओं को नेता भूल जाते हैं। लेकिन मंत्री कवासी लखमा ने इस बात को गलत साबित करते हूए अपने ही एक कार्यकर्ता की जान बचाई है।
दरअसल छिंदगढ़ ब्लॉक के कार्यकर्ता पदामी कोसा को बीते दिनों सांस लेने की समस्या को लेकर उन्हें रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिन ब दिन कोसा की हालत बिगड़ती जा रही थी। वहीं, आर्थिक स्थिति भी लंबे समय से अस्पतालों के चक्कर काटने से बिगड़ गई थी। इस बात की जानकारी जब मंत्री कवासी लखमा को लगी तो उन्होंने कोसा को तत्काल अपने बंगले पर बुलाया। इसके बाद उन्होंने अपने एक समर्थक रामभवन कुशवाह को कोसा के साथ इलाज के लिए हैदराबाद रवाना किया। यहां एक निजी अस्पताल में पदामी कोसा को भर्ती कराया गया।
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हैदराबाद में पदामी कोसा के हार्ट का ऑपरेशन किया गया। पूरे इलाज का खर्च मंत्री कवासी लखमा ने खुद उठाया। रविवार को मंत्री कवासी लखमा हैदराबाद पहुंचे और पदामी कोसा से मुलाकात की। इस दौरान कोसा ने कवासी का आभार व्यक्त किया तो मंत्री लखमा ने कोसा को ऐसा करने रोक दिया और कहा की यह मेरा कर्तव्य है जो मेरे कार्यकर्ताओं की सेवा का अवसर मिला है।
कांग्रेस पार्टी, शरीर और कार्यकर्ता मेरी जान है
मंत्री कवासी लखमा ने इस पुरे मामले पर कहा की जो नेता सिर्फ चुनाव के वक्त अपने कार्यकर्ताओं को याद करते हैं, वो नेता नहीं सिर्फ स्वार्थी होते हैं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें यही सिखाया है कि कार्यकर्ताओं और लोगों की सेवा ही उनका परम कर्तव्य है। लखमा ने कहा की कांग्रेस पार्टी उनका शरीर है और कार्यकर्ता उनकी जान है और वे कार्यकर्ता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं और आगे भी रहेंगे।