कवर्धा। कबीरधाम जिले के वनांचल नक्सल प्रभावित गांव तरेगांव, लरबक्ककी, शीतलपानी, कोटनापानी सहित मध्यप्रदेश के गांवों से बडी संख्या में ग्रामीण पलायन कर मुंगेली जिला के ग्राम सरगडी के जंगल में जाकर बसना शुरू कर दिये थे। इनमें बडी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। मामले की जानकारी मुंगेली जिला प्रशासन को लगने पर ग्रामीणों को कवर्धा जिला भेजा गया। वहीं कवर्धा जिला प्रशासन को इस मामले की जानकारी भी लेट से लगी।
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एक ओर जहां पलायन करने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि जिले के वनांचल में मूलभुत सुविधाएं नहीं होने के कारण मुंगेली जिला में बसने पहुंचे हैं, वहीं दूसरी ओर कवर्धा जिला प्रशासन ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बता रहा है। कलेक्टर रमेश शर्मा की माने तो ग्रामीण बडी संख्या में वहां क्यों गए, यह जांच का विषय है क्योंकि पलायन करने वाले ज्यादातर ग्रामीण ग्राम लरबक्की के रहने वाले हैं जो वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी यहां रहते आ रहे हैं। वहां सभी प्रकार की सुविधाएं है। वहीं ग्रामीण वापस आते हैं तो अच्छा होगा। क्योंकि ज्यादातर लोगों को जिले में ही वन अधिकार पट्टा भी मिला हुआ है साथ ही आधार कार्ड, राशन कार्ड भी जारी हो चुका है।
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वहीं वन विभाग के डीएफओ ने बताया कि बडी संख्या में ग्रामीणों के गांव छोडकर जाने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। ग्रामीणों से बात जारी है। कई ग्रामीण समझाइश के बाद वापस आ भी रहे हैं।
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