मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान भीड़ औक हिंसा पर काबू नहीं कर पाना तीन अधिकारियों को महंगा पड़ गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद मंदसौर के तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी ओपी त्रिपाठी और सीएसपी साईं कृष्णा एस थोटा को सस्सपेंड कर दिया गया है। इन तीनों पर कानून व्यवस्था बनाकर नहीं रख पाने पर कार्रवाई की गई है। बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर में फायरिंग में हुई थी। जिसमें 5 किसानों की मौत मौके पर हो गई थी। जबकि एक किसान की मौत इलाज के दौरान इंदौर में हुई थी। मंदसौर फायरिंग के बाद मध्यप्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। जिसमें सैकड़ों वाहनों को आग लगा दी गई थी। दुकानों और थानों को भी निशाना बनाया गया था। मृतक किसानों के परिजनों ने सीएम शिवराज सिंह से आरोपी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद ही कलेक्टर और एसपी को मंदसौर से हटा दिया गया था औऱ अब तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
वहीं सीएम शिवराज ने मध्यप्रदेश में एक बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करके अफसरशाही को यही संदेश दिया है। बुधवार को जारी की गई 36 IAS अधिकारियों की सूची में 18 जिलों के कलेक्टर बदल दिए गए हैं। हरदा में भाजपा नेता कमल पटेल से टकराने वाले श्रीकांत बनोठ का एक महीने में तीसरी बार तबादला हो गया है. पहले उन्हे कमल पटेल की शिकायत पर हरदा कलेक्टर पद से हटाते हुए मंत्रालय बुलाया गया और फिर दबाव में 36 घंटे में ही वापिस हरदा भेज दिया गया. बनोठ की हरदा वापसी से कमल पटेल खासे नाराज थे और सूत्रों के मुताबिक उन्होने संघ से लेकर दिल्ली दरबार तक का दबाव बनवा दिया था।
इसी के चलते आखिरकार श्रीकांत बनोठ को एक बार फिर हरदा से हटा दिया गया। उधर खंडवा कलेक्टर स्वाती मीणा को विवाद की शिकायतों के बाद हटा दिया गया है। दूसरी तरफ सीएम की गुडबुक में शामिल भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े को इंदौर जैसा महत्वपूर्ण जिला मिल गया है। वहीं सीएम के गृह जिले सीहोर में काम करके शिवराज की नजदीकी हासिल करने वाले सुदाम खाडे को भोपाल का कलेक्टर बना दिया गया है। वहीं, तबादला आदेश जारी होने के 2 घंटे बाद संशोधित सूची भी जारी की गई और पन्ना कलेक्टर आइरिन सिंथिया के तबादला आदेश को रद्द कर दिया गया. वो अपने पद पर बनी रहेंगी.