बलिया/लखनऊ (उप्र), 18 अक्टूबर (भाषा) बलिया जिले में रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी राशन की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने रविवार को मुख्य आरोपी को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा, बलिया से दो और नामजद तथा दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इस बीच मुख्य आरोपी के भतीजे की भी गोली लगने से मौत होने की खबर सामने आई है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किये गये मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह और नामजद आरोपी संतोष यादव एवं अमरजीत यादव पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
इस मामले में पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अब तक मुख्य आरोपी, नामजद और अज्ञात मिलाकर कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने रविवार को कहा, ‘‘बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को राजधानी के गाजीपुर थाना क्षेत्र के पॉलिटेक्निक चौराहे से गिरफ्तार किया गया है। उसे देर रात बलिया ले जाया गया। उसे शहर कोतवाली की हवालात में रखा गया है।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि धीरेंद्र प्रताप सिंह से घटना में इस्तेमाल हुए असलहों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
इस बीच, भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रविवार को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की।
सुरेंद्र सिंह ने ‘भाषा’ को बताया कि उन्होंने दोनों नेताओं से मुलाकात के दौरान रेवती हत्याकांड मामले में प्रशासन द्वारा की गई ‘‘एक पक्षीय कार्रवाई’’ की जानकारी दी। हालांकि उन्होंने बातचीत का पूरा ब्यौरा देने से इनकार किया। सिंह ने दावा किया कि पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि रेवती की घटना में दूसरे पक्ष की तरफ से भी जल्द मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
एसटीएफ द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूछताछ में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कोटे के आवंटन को लेकर पंचायत के सामने कृष्ण कुमार यादव और उनके साथियों के बीच कहासुनी हुई। इस बीच विपक्षी पक्ष से गोली चला दी गई, जिसमें उसका भतीजा गोलू सिंह एवं घर की पांच-छह महिलाएं घायल हो गईं। गोलू सिंह की बाद में मौत हो गई। एसटीएफ के मुताबिक, जवाब में धीरेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष के लोगों ने गोलियां चलाईं, जिसमें कृष्ण कुमार के पक्ष के जय प्रकाश पाल की मौत हो गई।
बलिया पुलिस ने दो नामजद समेत चार आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि दुर्जनपुर की घटना से संबंधित नामजद आरोपी संतोष यादव और अमरजीत यादव को बलिया शहर कोतवाली के वैशाली क्षेत्र से सुबह गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि इन पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था । इसके अलावा इस मामले में बिहार प्रदेश के छपरा निवासी धर्मेंद्र सिंह और दुर्जनपुर निवासी अजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस कांड के नामजद आरोपियों की सम्पत्ति गैंगस्टर कानून के अंतर्गत जब्त की जायेगी।
दुबे ने बताया कि पुलिस धीरेंद्र प्रताप को सोमवार को बलिया की अदालत में पेश करेगी और उसे हिरासत में लेने का अनुरोध करेगी।
उन्होंने बताया कि इस घटना के सभी आठ आरोपियों पर गैंगस्टर तथा मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के अंतर्गत कार्रवाई होगी।
दुबे ने यहां संवाददाताओं को बताया कि धीरेंद्र प्रताप के विरुद्ध एक वर्ष पहले बैरिया में एक पूर्ति निरीक्षक के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में नामजद मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में पुलिस ने धीरेंद्र के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि धीरेंद्र दबंग प्रवृत्ति का है।
उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 12 पुलिस टीमें लगी हुई हैं। इसके साथ ही आजमगढ़ एवं मऊ जिले की स्वाट टीम भी जुटी हुई है और बिहार पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है ।
धीरेन्द्र सिंह के परिजन के साथ हुई मारपीट के मामले में दूसरे पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह की मांग पर दुबे ने कहा कि भाजपा विधायक द्वारा दिये साक्ष्यों की गहनता से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने इस मामले में शनिवार को मुन्ना, राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया, जबकि शुक्रवार को देवेन्द्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था। अब तक कुल 10 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस मामले में कुल आठ नामजद और 20 से 25 अज्ञात आरोपी हैं ।
दुर्जनपुर की घटना में मारे गये जयप्रकाश पाल गामा के भाई योगेंद्र पाल ने पत्रकारों से कहा कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से परिवार को राहत मिली है, लेकिन भविष्य में भी अनहोनी होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से परिवार की सुरक्षा, नौकरी एवं 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह पर परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया ।
इसके पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह (स्थानीय भाजपा नेता) का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गई है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं ।
धीरेंद्र ने शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष करार दिया । उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने बैठक से पहले ही बवाल होने की आशंका जताई थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया।
वहीं, बलिया जिले के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड में आरोपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है तथा मुकदमा दर्ज नहीं होने पर समर्थकों के साथ रेवती थाने पर धरना देने की चेतावनी दी है।
विधायक सुरेंद्र सिंह ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि कुछ चैनलों में यह बात आई है कि उन्हें लखनऊ में पार्टी नेतृत्व ने तलब किया है लेकिन ऐसा नहीं है। सुरेंद्र ने कहा, ‘‘मैं खुद लखनऊ आ रहा हूं और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर घटना के तथ्यों से अवगत कराऊंगा और साक्ष्य उपलब्ध कराऊंगा।’’
इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को भाजपा विधायक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री से प्रश्न किया, ‘‘क्या वह अपराधी के साथ खड़े इस विधायक के पक्ष में हैं। अगर नहीं तो यह अब तक भाजपा में क्यों बना हुआ है।’’
कांग्रेस महासचिव के ट्वीट पर पलटवार करते हुए प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा है कि प्रियंका का दोहरा चरित्र है। प्रियंका को सबसे पहले कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा कश्मीर में धारा 370 लागू होने को लेकर दिये गए बयान पर ट्वीट करना चाहिए।
उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश अब केवल चंद यादवों के नेता रह गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अखिलेश यादव बलिया में सपा का प्रतिनिधि मंडल भेजते हैं, लेकिन 30 जून को विशम्भर यादव ने राजेश सिंह की कथित रूप से हत्या की, उसपर कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा। संवेदना के एक शब्द सपा के किसी नेता ने व्यक्त नहीं किया।”
गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी राशन दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे। इस मामले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई तथा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है।
भाषा सं आनन्द सिम्मी
सिम्मी
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