रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि प्रदेश के जिन जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहां लॉक डाउन बढ़ाया जाना चाहिए । इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में खेती किसानी के कामों में छूट के साथ लॉक डाउन लगाया जाना चाहिए । आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा करते हुए धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव की बढ़ती संख्या के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को जिम्मेदार ठहराया ।
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उनका कहना है कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या के अनुपात में जांच नहीं की जा रही है । छत्तीसगढ़ से ज्यादा जांच गोवा मिंजोरम जैसे छोटे राज्यों में हो रही है । छत्तीसगढ़ जांच के मामले में देश में 23 वें स्थान पर है । उन्होंने कहा कि सरकार ने खुद कहा है कि करीब 7 लाख लोग बाहर से छत्तीसगढ़ आए हैं और अब तक जांच केवल 2 लाख 80 हजार लोगों की की गई है ।
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क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौत और खुदकुशी का मामला भी उठाते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से किसी भी मामले की सरकार ने अब तक कोई जांच क्यों नहीं की है ? उन्होंने क्वारेंटाईन सेंटर में मरने वाले लोगों के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि देने की मांग सरकार से की है । उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को लेकर सरकार की नीयत ठीक नहीं है । प्रदेश सरकार ने PM से अधिकार मांगा और DM को दे दिया । लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से शराब लाकर बेची जा रही है ।
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उन्होने कहा कि विपक्षियों से सुझाव नहीं लिया जा रहा है, यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं । प्रदेश सरकार विपक्षियों से सुझाव लेने की परंपरा को खत्म करने में लगी हुई है । ऐसा लगता है अब कोरोना को लेकर जानकारी के लिए आरटीआई का सहारा लेना पड़ेगा । लॉकडाउन के दौरान निगम मंडल के अध्यक्षों के द्वारा मंत्रियों की उपस्थिति में पदभार ग्रहण करने पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार के ओहदेदार लोगों ने छत्तीसगढ़ में कोरोना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।