इंदौर। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात निधन हो गया है। सुषमा स्वराज ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। सुषमा स्वराज की याद में भावुक हुईं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मेरी एक साथी मुझसे छूट गई हैं। ताई ने कहा कि 6 अगस्त का दिन आंनद का दिन के रूप में मनाया जा रहा था कि अचानक सिर पर किसी ने पत्थर गिरा दिया हो। हम दोनों की दोस्ती बहुत अच्छी थी हालांकि वो उम्र छोटी जरूर थी लेकिन कार्य कुशलता में बहुत बड़ी थी।
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सुमित्रा महाजन ने कहा कि हम जब भी मिलते थे तो सामान्य महिलाओं की तर्ज पर घरेलू बात हुआ करती थी, साथ ही राजनीति की बाते हुआ करती थी। राजनीति में उनसे बहुत सीखा। पहले तो उनका राजनीति का जो अभ्यास प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि वो जब भी संसद में रहती थीं, फिर हम विपक्ष में बैठे हो पक्ष में, वो ऐसे तीखे हमले करती थीं कि दूसरों की बोलती बंद हो जाती थी। वो जब विदेशों में बात करती थीं, तो ऐसा लगता था कि मानो भारत की आवाज हो। वो दिल से बोलती थीं। वो लंबे समय से बीमार थीं लेकिन बावजूद इसके उन्होंने जिद और हिम्मत के साथ विदेश मंत्री का दायित्व संभाला।
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सुमित्रा महाजन ने कहा कि संगठन की बात को वो तुरंत मानती थीं संगठन जहां से भी चुनाव लड़ने के लिए कहता था वहां से चुनाव लड़ती थीं, इसके साथ हर दायित्व को वो बखूबी निभाती थीं। ताई ने सुषमा स्वराज को याद कर उन बातों को भी साझा किया जिससे दुनिया अब तक मरहूम थी। ताई ने बताया कि एक समय 6-7 दिन के लिए राजनीतिक सफर पर दोनों को जाना था। उस वक्त सुषमा स्वराज उनके घर आई क्योंकि उन्हें साथ में जाना था इसलिए वो जल्द ही जाने की बात करने लगी। इसी दौरान ताई के बेटे ने लड्डू बनाने की जिद की तब ताई ने सुषमा स्वराज से कहा था आप रुके मैं पहले लड्डू बनाउंगी उसके बाद ही चलेंगे। इस दौरान सुषमा स्वराज ताई का 1 घंटे तक इंतजार करती रही आखिर में जब लड्डू तैयार हो गए तब कार्यक्रम के लिए घर से बाहर निकले।
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ताई ने कहा कि सुषमा स्वराज अक्सर कहती थीं कि ताई एक राजनीतिज्ञ होने के साथ ही घरेलू महिला भी हैं जो अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखती है। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर ने यादों का ताज करते हुए बताया कि एक बार सुषमा स्वराज से ये पूछा था कि वो अपने पति श्रीमान स्वराज के लिए समय कैसे निकाल पाती हैं, तब सुषमा स्वराज ने जबाव दिया कि हम दोनों ने एक बात तय कर रखी थी कि हम जहां भी जैसे व्यस्त होंगे लेकिन दोपहर की चाय एक साथ पीयेंगे और अक्सर वो ऐसा करती थीं।
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पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बताया कि सुषमा स्वराज पिछली बार जब दिल्ली में थीं तब वो उनसे मिलने गई। उस दौरान तबीयत के अलावा अन्य विषयों पर उनसे बात हुई थी। ताई ने दुखी मन से बताया कि जब वो उनके पास से लौट रहीं थीं तब उन्होंने कहा था कि मैं फिर आऊंगी उस वक्त सुषमा स्वराज ने कहा था कि, अब मैं आपसे मिलने आऊंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वो बहुत छोटी उम्र में दुनिया को अलविदा कह गईं। ताई ने कहा कि मेरे लिये व्यक्तिगत वेदना इसलिए है कि हम दोनों साथ रहते हैं लेकिन अब मेरा एक साथी मुझसे पीछे छूट गया और मैं अकेली पड़ गई।