भोपाल। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग अपने शिक्षकों से उनके बच्चों की जानकारी जुटा रहा है। अगर किसी शिक्षक के तीन या अधिक बच्चें हैं तो ऐसे शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश भर के शिक्षकों से एक प्रपत्र के जरिए उनके बच्चों की संख्या की जानकारी जुटा रहा है। प्रदेश भर में जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारियों ने संतानों के बारे में शिक्षकों से जुड़ी जानकारी मांगी है।
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बीईओ ने संकुल प्राचार्य को एक प्रपत्र भेजा है, इस प्रपत्र में 7 कॉलम है, प्रपत्र के छठवें कॉलम में 26 जनवरी 2001 या इसके बाद शिक्षकों के घर जन्मे बच्चों की संख्या की जानकारी देनी है। 26 जनवरी 2001 के बाद से शिक्षकों की तीन संतानें होंगी तो उन्हें अपात्र माना जा सकता है।
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वहीं, तीन संतानों की जानकारी प्रपत्र में भरवाने से शिक्षकों में खासी नाराजगी है, शिक्षक संगठनों ने प्रपत्र में बच्चों की जानकारी मांगने को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया है।
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प्रपत्र में तीन संतान की जानकारी मांगने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि यह सर्कुलर सिर्फ स्कूल शिक्षा विभाग के लिए नहीं है, सभी विभागों के लिए इस तरह का सर्कुलर है। सर्कुलर पहले जारी हुआ था, 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान वाले शासकीय सेवकों की जानकारी पहले भी मांगी गई थी। संतानों की जानकारी का प्रावधान तो है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।