जांजगीर- बैल गाड़ी आज के ज़माने में बहुत कम देखने मिलती है और अगर अब ये देखने मिले तब जब उसमें जिले के कलेक्टर विराजित हो तो फिर बात ही कुछ और हो जाये। दरअसल महानदी पर बनने वाले बारा बैराज को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था।इस दौरान जब कलेक्टर साराडीह और कलमा गाँव की ओर जाने की सोचे तो पता चला की पूरा इलाक़ा ऐसा है जहाँ सड़क है ही नहीं और जाने का साधन या तो पैदल है या फिर बैलगाड़ी तो फिर कलेक्टर महोदय को एक ही रास्ता सही लगा और वो था बैलगाड़ी का सफर।
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दरअसल महानदी के तट पर बसे इलाक़े शिवरीनारायण बसंतपुर मैरोनी साराडीह और कलमा में पाँच बैराज बनने है, जिनका निर्माण क़रीब क़रीब पूरा हो चुका है।साराडीह और कलमा गाँव में महानदी का कटाव क्षेत्र कुछ ऐसा है कि कई जमीने जैसे ही डैम का गेट बंद होगा तो डूब जाएँगे। ग्रामीण फ़िलहाल उन ज़मीनों पर फलो का उत्पादन कर रहे हैं।इसलिए उन्होंने अपनी समस्या कलेक्टर को बताई और एक बार यहाँ आने का आग्रह किया कि वे ख़ुद मौक़े पर आ कर देख लें कि सही स्थिति क्या है। ग्रामीणों के आग्रह को स्वीकार करते हुए कलेक्टर भारती दासन और सीईओ जिला पंचायत अजित बसंत ने क़रीब आधा पौन किलोमीटर का यह सफ़र बैलगाड़ी से तय किया और फिर कहा कि ग्रामीणों की समस्या वाकई सोचनीय है उसका निराकरण जल्द किया जायेगा और मुआवज़ा पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
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