भोपाल। मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार में बनी टकराव की स्थिति बनती जा रही है। दरअसल गुजरात सरकार ने बांध को भरने के लिए प्रदेश सरकार से नर्मदा नदी के पानी के लिए मांग की है, वहीं मधयप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने साफ तौर पर पानी देने के लिए इंकार कर दिया है।
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दरअसल प्रदेश सरकार का मानना है कि गुजरात सरकार के हिस्से का पानी पहले ही दिया जा चुका है, जिसके बाद पानी की मांग को लेकर गुजरात सरकार नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण की शरण में पहुंच गई है। गुजरात के बिजली उत्पादन बंद करने से मध्य प्रदेश सरकार को 289 करोड़ रुपए की चपत लगने का अनुमान है।
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लिहाजा पानी के मुद्दे को लेकर गुजरात में बीजेपी और मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार दोनों ही आमने सामने आ गई हैं। वहीं दूसरी ओर देश में दिनों- दिन बढ़ रही किसानों की समस्या के बीच मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य तय किया है। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनावों के बाद वादा मुताबिक सभी किसानों को साल के 6 हजार रुपए देने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है।
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