भगवान जगन्नाथ के 15 दिन तक बीमार होने की पारौणिक कथा: Bhagwan Jagannath Ki Katha

रथयात्रा से पहले 15 दिन तक बीमार कैसे हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ? एक भक्त से जुड़ा है पूरा रहस्य, आप भी पढ़े पौराणिक कथा | Bhagwan Jagannath Ki Katha

रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ 15 दिन तक बीमार कैसे हो जाते हैं? इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है?Bhagwan Jagannath Ki Katha

Edited By :   Modified Date:  July 3, 2024 / 06:21 PM IST, Published Date : July 3, 2024/6:21 pm IST

पुरी। Bhagwan Jagannath Ki Katha : जगन्नाथ पुरी का रहस्य आगामी दिनों में पूरे देश में रथ यात्रा का पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर ओडिशा के जगन्नाथ पुरी से लेकर गुजरात के अहमदाबाद तक धूम देखने को मिलता है। इस अवसर पर देशभर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जा रही है। रथ यात्रा के अवसर पर पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर से भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसके लिए कई महीने पहले से तैयारी शुरू हो जाती है। वहीं, अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल जगन्नाथ रथ यत्रा में शामिल होने के लिए करीब 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पुरी पहुंचेंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि​ रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ 15 दिन तक बीमार कैसे हो जाते हैं? इससे जुड़ी पौराणिक कथा क्या है? आइए जानते हैं।

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पौराणिक कथा से जुड़ा है रहस्य

Bhagwan Jagannath Ki Katha : पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के माधव नाम के एक महान भक्त थे। एक दिन जब वे बीमार पड़ गये तो भगवान जगन्नाथ स्वयं उनके पास आए। जब कोई भक्त कहता है, “हे प्रभु, जब आप मुझे ठीक कर सकते हैं तो आप मेरी सेवा क्यों करते हैं?” इस संदर्भ में, भगवान कह रहे थे कि चाहे कुछ भी हो, हमें अपने भाग्य का सामना करना ही चाहिए। यदि अभी रुकोगे तो अगले जन्म में कष्ट पाओगे। भगवान जगन्नाथ भक्त माधव से कहते हैं कि तुम्हें जो कष्ट हो रहा है उसे अगले 15 दिनों तक सहना है इसलिए यह पीड़ा तुम मुझे दे दो, मैं इस पीड़ा को भोग लूंगा तो तुम्हारा प्रारब्ध कट जाएगा। मान्यता है कि तभी से भगवान जगन्नाथ साल में एक बार 15 दिनों के लिए बीमार होते हैं।

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अन्य मान्यता

दूसरी मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन देवी सुभद्रा रथ पर बैठकर अपनी मौसी के घर जाते हैं। वे सात दिनों तक अपनी मौसी के घर रहते हैं। फिर लौट आते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण, बहन सुभद्रा और भाई बलराम अपनी मौसी के घर गए और वहां स्नान किया और इसके बाद तीनों भाई-बहनों बीमार पड़ गए। इसके बाद राज नाम के वैद्य को बुलाया गया और उनका इलाज कराया गया, जिसके बाद 15 दिन के अंदर ही तीनों ठीक हो गए। ठीक होने के बाद तीनों भाई-बहन नगर भ्रमण के लिए निकले। कहते हैं तभी से हर साल यह परंपरा निभाई जाती है।

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कब से शुरू होगी रथ यात्रा?

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 07 जुलाई, 2024 को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 08 जुलाई, 2024 को सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 07 जुलाई से हो रही है।

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