बिलासपुर। बिलासपुर में शहर के गरीबों के लिए करोड़ों खर्च कर बनाए गए आवास अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए हैं। आबंटन से पहले ही मकान जर्जर हो गए हैं। जो आबंटित हुए हैं उसमे भी प्रभावी लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इधर गरीब हितग्राही मकान के आबंटन के लिए निगम के चक्कर काट रहे हैं।
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दरअसल, साल 2011 में आईएचएसडीपी योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए शहर के अलग – अलग क्षेत्रों में मकान का निर्माण शुरू किया गया था। साल 2015 -16 में 6612 मकान बनकर तैयार हो गए। जिसके बाद इनका आवंटन शुरू किया गया। लेकिन आवंटन में अधिकारियों ने ऐसी उदासीनता बरती कि आज तक कई आवास अस्तित्व में नहीं आ सके हैं। लोगों को आवंटन नहीं मिल रहा है। स्थिति ये है कि, अब ये आवास जर्जर होकर गिरने की स्थिति में आ गए हैं। कई आवासों में प्रभावी लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है।
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वहीं इसके उलट बड़ी संख्या में लोगों ने आवास के लिए निगम में आवेदन भी किया हुआ है, लेकिन उन्हें आवास अलॉट नहीं हो रहा है। उन्हें आवास के लिए निगम का चक्कर काटना पड़ रहा है। इधर निगम के अधिकारी गरीबों के लिए बने आवासों को लेकर ये दावा कर रहे हैं कि, जितने भी मकान बने हैं उन्हें अलॉट कर दिया गया है। 170 के करीब आवासों में अवैध कब्जा है, जिसे मुक्त कराकर अलॉट किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों के दावों से उलट ग्राउंड में आवासों की स्थिति बदहाल है, जो बिना अलॉटमेंट जर्जर हो गए हैं।