ग्वालियर: कोर्ट में गलत जानकारी देना साडा के सीईओ को भारी पड़ गया। सीईओ पर 20000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बताया गया कि साडा के सीईओ वीके शर्मा ने अवमानना के मामले में कोर्ट ने वीके शर्मा पर जुर्माना लगाया है। इस पर कड़ी नाराजगी जताई और विधिक सेवा प्राधिकरण में 20 हजार रुपए जमा करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि शर्मा ने सुनवाई के दौरान गलत जवाब पेश कर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। इस बात को लेकर कोर्ट ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव को इस प्रकरण का आदेश प्रभारी सीईओ के सर्विस रिकॉर्ड में रखने और एक माह के भीतर साडा में सीईओ के पद पर नियमित नियुक्ति करने का आदेश दिया है।
दरअसल साडा में संविदाकर्मी दीपक दुबे की अवमानना याचिका पर 8 दिसंबर को सुनवाई हुई। वकीलों की गैरमौजूदगी में दीपक दुबे ने खुद की पैरवी की और वीके शर्मा की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की। वीके शर्मा को अनुपस्थित पाको कोर्ट ने दीपक शर्मा से सवाल करते हुए पूछा कि आपके पास यह रिपोर्ट कैसे आई। इसके बाद कोर्ट ने सीईओ शर्मा के शपथ पत्र पर आपत्ति जताते हुए जुर्माना लगाने का निर्देश दिया
कोर्ट ने कहा कि शपथ पत्र में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि प्रभारी सीईओ के निर्देश पर ही याचिकाकर्ता उनके वकील के पास गया और जवाब की काॅपी लेकर कोर्ट पहुंचा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रभारी सीईओ की तबीयत खराब है, जबकि प्रभारी सीईओ ने शपथ पत्र में बताया कि वह मीटिंग में व्यस्त थे। इससे प्रतीत होता है कि माफी मांगने का अवसर देने के बाद भी उन्होंने कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया।