बलरामपुर जिले में ब्लैक फंगस का पहला मामला, मरीज को रायपुर किया गया रेफर, अब तक 3 की हो चुकी है मौत | First case of black fungus in Balrampur district

बलरामपुर जिले में ब्लैक फंगस का पहला मामला, मरीज को रायपुर किया गया रेफर, अब तक 3 की हो चुकी है मौत

बलरामपुर जिले में ब्लैक फंगस का पहला मामला, मरीज को रायपुर किया गया रेफर, अब तक 3 की हो चुकी है मौत

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 PM IST
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Published Date: May 18, 2021 3:24 am IST

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़। सरगुजा में पहला ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है। बलरामपुर जिले के रहने वाले 60 वर्षीय बुजुर्ग में इस बीमारी की पुष्टि की गई है। आंख और नाक में परेशानी के बाद जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी। जिले में इलाज की सुविधा नहीं होने पर मरीज को रायपुर रेफर किया गया है। 

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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंसग से 3 मरीजों की मौत हो चुकी है। दुर्ग जिले में ही ब्लैक फंगस से दो मरीज दम तोड़ चुके हैं। मृतिका 61 वर्षीय बी लक्ष्मी चरोदा निवासी थी। मृतिका को 23 अप्रैल को कोरोना संक्रमण हुआ जिसके बाद उसे चरोदा रेलवे हॉस्पिटल रायपुर के निजी अस्पताल के बाद नेहरू नगर स्थित निजी अस्पताल चंदूलाल चन्द्राकर में 6 मई को भर्ती कराया गया।

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यहां भर्ती के दौरान मृतिका के बेटे ने जैसे तैसे एंटी फंगल इंजेक्शन खरीदकर मृतिका को लगवाया लेकिन 15 मई से लगने वाले डोज के लिए भटकना पड़ा था। अंत तक एन्टी फंगल इंजेक्शन नहीं मिल पाया। मृतिका वेन्टीलेटर पर थी ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा संचालित कचांदुर स्थित चंदूलाल मेडिकल कॉलेज कोविड सेंटर रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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इस मौत से मृतिका के बेटे ने समय पर एंटी फंगल इंजेक्शन नहीं मिलने से मौत होने का आरोप लगाया। इस आरोप के बाद प्रशसन में हड़कंप मचा हुआ है। कलेक्टर ने फोन से इस मौत पर मौखिक जानकारी देते हुए बताया कि महिला को ब्लैक फंगस तो था लेकिन इसकी वजह से ही मौत हुई ऐसा कहना सही नहीं।

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कलेक्टर के अनुसार मृतिका को कोविड था और वह वेन्टीलेटर पर थी। बता दें दुर्ग जिले में कुल 15 ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज है जो भिलाई के अस्पतालों में भर्ती हैं, जिले में कुल 14 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं। जिनमें से 12 मरीज सेक्टर-9 अस्पताल और 2 मरीज बीएम शाह हॉस्पिटल भिलाई में भर्ती हैं। जिले में एंटी फंगल इंजेक्शन केवल 25 डोज उपलब्ध थे जो सिर्फ सरकारी असप्तलाओं के लिए ही निर्धारित थे ऐसे में इंजेक्शन सही समय पर ना मिलना ही महिला की मौत का बड़ा कारण बना।