भोपाल। बुंदेलखंड पैकेज में हुए आर्थिक घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। ईओडब्ल्यू ने एक साथ वन विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अफसरों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। इसी के साथ पैकेज में हुए घोटाले की विधिवत रूप से जांच शुरू हो गई है।
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2008 में यूपीए की सरकार ने बुंदेलखंड को सूखे से निजात दिलाने के लिए 7600 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें से मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड को 3860 करोड़ रुपए मिले थे। ये राशि सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, दतिया और छतरपुर जिले के लिए दी गई थी। आरोप है कि इस राशि की हेराफेरी में बड़ी गड़बड़ी हुई है।
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सबसे अधिक गड़बड़ी वन विभाग और ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में बताई गई है। वन विभाग में बिना खोदे ही तालाब बनाना बता दिए गए तो ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में पत्थर ढोने के लिए जिन वाहनों के नंबर दिए गए। वो टू व्हीलर के हैं, ईओडब्ल्यू अब इन तथ्यों के आधार पर जांच करेगा।
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आपको बता दें लोकसभा के दौरान चुनावी सभाओं में राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुंदेलखंड पैकेज में हुए घोटाले की जांच कराने की घोषणा की थी। अब कांग्रेस पार्टी का दावा है कि जांच के बाद चौकाने वाले खुलासे होंगे।
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