बदनावर। पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत अपनी ही पार्टी भाजपा से नाराज हो गए हैं। उनकी नाराजगी का कारण राजेश अग्रवाल हैं जो अभी भाजपा में शामिल हुए हैं। राजेश अग्रवाल ने 2018 में बदनावर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जो कि शेखावत की हार का बड़ा कारण बने थे। शेखवात ने भाजपा आलाकमान के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
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पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत की नाराजगी के बाद भाजपा आलाकमान के निर्देश पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण मुरारी मोघे लगातार भंवर सिंह शेखावत से बात कर रहे हैं। इस दौरान कृष्ण मुरारी मोघे का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होने कहा है कि शेखावत की पीड़ा स्वभाविक है। लेकिन राजेश अग्रवाल के भाजपा में आने से यहां अनुकूल माहौल बना है और बदनावर सीट पर भाजपा जीत हासिल की है।
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मध्यप्रदेश में २४ सीटों पर उप चुनाव होने हैं, जिसको लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उसे मालूम है कि सरकार बनाए रखने के लिए एक-एक सीट कीमती है। इसके चलते सभी विधानसभाओं में पार्टी ने प्रभारी बनाकर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है। अविभाज्य मध्यप्रदेश के संगठन महामंत्री रहे मोघे को भी बदनावर सीट की जिम्मेदारी दी। यहां कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
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माना जा रहा है कि कांग्रेस से बालमुकुंद गौतम उम्मीदवार हो सकते हैं। इसके चलते मोघे ने बिसात जमाना शुरू कर दी है। कल उन्होंने बागी राजेश अग्रवाल को भाजपा की सदस्यता दिला दी। अग्रवाल विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ लिए थे। वे ३२ हजार वोट लाकर भंवरसिंह शेखावत की हार का कारण बने थे। मोघे ने योजना से सदस्यता दिलाकर उनके बागी होकर फिर से खड़े होने की संभावनाओं को खत्म कर दिया।