रायपुर। एम्स में कोरोना वायरस के पॉजीटिव रोगियों की हालत स्थिर बनी हुई है। एम्स के विशेषज्ञों की टीम उनके इलाज पर निरंतर निगाह रखे हुए है और उन्हें नियमित रूप से काउंसलिंग प्रदान की जा रही है। एम्स ने माइक्रोबायलॉजी विभाग की वीआरडीएल लैब की क्षमता को दोगुना कर लिया है। अब यहां अधिकतम 300 सैंपल प्रतिदिन टेस्ट किए जा सकते हैं।
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एम्स द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार चारों रोगियों की स्थिति अभी भी स्थिर बनी हुई है। वे चिकित्सकों द्वारा प्रदान की जा रही चिकित्सा का बेहतर रेस्पांस दे रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की एक टीम निरंतर उन्हें चिकित्सा सेवाएं और काउंसलिंग प्रदान कर रही है।
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निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स के माइक्रोबायलॉजी विभाग में बनी वीआरडीएल लैब को एक अतिरिक्त मशीन प्रदान की गई है जिससे विभाग अपनी सैंपल टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ा सके। अब प्रतिदिन लगभग 300 सैंपल की टेस्टिंग की जा सकती है। अभी तक एम्स में 350 सैंपल टेस्ट किए गए हैं जिनमें छह पॉजीटिव और शेष नेगेटिव आए हैं। एम्स के पास पर्याप्त संसाधन हैं जिनकी मदद से वर्तमान रोगियों या अन्य किसी पॉजीटिव रोगी को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं।
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इसके साथ ही कोरोना वायरस के सैंपल टेस्ट के लिए आवश्यक 1000 टेस्टिंग किट्स भी एम्स में उपलब्ध हैं। उप-निदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा ने बताया कि एम्स में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टॉफ और तकनीकी कर्मचारियों के लिए पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, थ्री लेयर मास्क और एन-95 मास्क और सेनीटाइजर उपलब्ध हैं। सभी को आईसीएमआर के निर्देशों के अनुरूप सुरक्षा किट का प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।