सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत और वित्तीय घाटा 5 प्रतिशत रखने का किया अनुरोध | CM Baghel wrote a letter to the Prime Minister, requested to keep the borrowing limit at 6 percent of GSDP and financial deficit at 5 percent

सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत और वित्तीय घाटा 5 प्रतिशत रखने का किया अनुरोध

सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत और वित्तीय घाटा 5 प्रतिशत रखने का किया अनुरोध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : May 1, 2020/5:37 am IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर 22 मार्च से लागू तालाबंदी के कारण राज्य के सामने आ रही वित्तीय कठिनाईयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है। बघेल ने प्रदेश में जरूरतमंद लोगों को राहत देने सहित राज्य के कामकाज के संचालन और विकास गतिविधियों के लिए अधिक आर्थिक संसाधन जुटाने के उद्देश्य से राज्य को इस वर्ष उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करने और राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखने की सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस रोग 19 महामारी के प्रसार को रोकने के प्रभावी कदम के रूप में 22 मार्च 2020 से छत्तीसगढ़ सहित देश में की गई सम्पूर्ण तालाबंदी के कारण सभी आर्थिक गतिविधियां बंद है, जिससे राज्य के राजस्व में हानि हुई है। संपूर्ण तालाबंदी ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित किया है, जिनमें विशेषकर दैनिक आय अर्जित करने वाले, श्रमिक, छोटे दुकानदार एवं अधिकांश ग्रामीण परिवार शामिल है। यह फसलों की कटाई का भी समय है, जिनमें किसानों को फसल काटने तथा उसे बेचकर जीवन यापन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।

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छत्तीसगढ़ में समाज के इन वर्गाें की जनसंख्या अधिक है, अतः उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा राहत प्रदान करने के लिए की गई पहल के अलावा राज्य द्वारा कई प्रकार के सामाजिक एवं आर्थिक उपायों के माध्यम से उचित राहत प्रदान करना एक कठिन कार्य है।
बघेल ने लिखा है कि राज्य के सभी विभागों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट आवंटन जारी किया जा चुका है एवं मूलभूत आवश्यकताओं के लिए व्यय हेतु आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य को इस वित्तीय वर्ष के प्रथम 9 माह के लिए राज्य की शुद्ध उधार सीमा के 50 प्रतिशत के बराबर 5375 करोड़ रूपए के बाजार ऋण की सहमति प्रदान की गई है। जो कि इस अवधि में व्यय की पूर्ति के लिए अपर्याप्त है। चूंकि इस वर्ष राज्य की राजस्व प्राप्तियों में कमी की आशंका है, अतः राज्य की शुद्ध उधार सीमा तथा राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित वित्तीय घाटे की सीमा (राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत) में शिथिलीकरण आवश्यक है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय से ही वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से पालन करने वाला राज्य रहा है तथा वर्तमान में यह सबसे कम ऋण भार (जीएसडीपी का 19.2 प्रतिशत) तथा सबसे कम ब्याज भुगतान (कुल राजस्व प्राप्तियों का 7.4 प्रतिशत) करने वाला राज्य है।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि आपदा के समय असाधारण उपायों की आवश्यकता होती है, अतः राज्य को इस वर्ष उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करते हुए सहमति दी जाए। साथ ही राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखे जाने की भी सहमति प्रदान की जाए। वित्तीय आपदा की इस घड़ी में राज्य द्वारा यथासंभव मितव्ययता के लिए उठाए जा रहे अन्य कदमों के साथ-साथ इन शिथिलताओं से कुछ राहत मिलेगी।

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मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि सम्पूर्ण देश तथा छत्तीसगढ़ में आयी इस आपदा के कठिन समय में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य की इन न्यायोचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में हमारे आवश्यक व्ययों की पूर्ति करने में काफी सहायक होंगे।