पुलिस के परिवारवालों के आंदोलन से हरकत में आई सरकार, गृहमंत्री ने गिनाईं दी जाने वाली सुविधाएं | CG Police :

पुलिस के परिवारवालों के आंदोलन से हरकत में आई सरकार, गृहमंत्री ने गिनाईं दी जाने वाली सुविधाएं

पुलिस के परिवारवालों के आंदोलन से हरकत में आई सरकार, गृहमंत्री ने गिनाईं दी जाने वाली सुविधाएं

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 PM IST
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Published Date: June 19, 2018 4:08 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के परिवारवालों के आंदोलन को देखते हुए अब राज्य सरकार हरकत में आई है। गृह मंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार नक्सल मोर्चे पर तैनात पुलिस जवानों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में पदस्थ पुलिस कर्मियों के लिए भी आवश्यक सुविधाओं में वृद्धि कर रही है और उन्हें हर संभव बेहतर से बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।

पैकरा ने इन सुविधाओं का उल्लेख करते हुए यह भी बताया कि राज्य शासन द्वारा पुलिस कर्मचारियों की लगातार कठिन और चुनौतीपूर्ण ड्यूटी को ध्यान में रखकर उन्हें एक महीने का अतिरिक्त वेतन भी दिया जा रहा है। साथ ही उनके लिए 15 दिनों के विशेष आकस्मिक अवकाश का भी प्रावधान किया गया है, जो शासन द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न अवकाशों से अलग है। इसे केवल पुलिस कर्मचारियों को ही दिया जाता है। पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से भी सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि वे अपनी ड्यूटी और भी प्रभावी ढंग से कर सकें। 

उन्होंने बताया वर्तमान में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस बलों में 1786 और दो हजार 259, इस प्रकार कुल 4045 रिक्त पदों के लिए भर्ती की कार्रवाई की जा रही है। अब तक जिला पुलिस बलों में आरक्षक से लेकर निरीक्षक संवर्ग तक कुल नौ हजार 083 और अन्य संवर्गों में कुल 547 पुलिस कर्मियों को सामान्य क्रम के अनुसार पदोन्नति दी जा चुकी है। इनके अलावा 500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों को पुलिस रेग्युलेशन पैरा-70 के प्रावधानों के अनुसार क्रम से पहले पदोन्नत किया गया है। 

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पैकरा ने बताया, पुलिस कर्मचारियों को सेवा में आगे बढ़ने के लिए एक निश्चित और समयबद्ध अवसर देने के उद्देश्य से दस वर्ष सेवा पर प्रथम उच्चतर वेतनमान और बीस वर्ष की सेवा पर द्वितीय उच्चतर वेतनमान देने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 17 जुलाई 2009 को उनके लिए संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के आधार पर क्रमशः 20 प्रतिशत और 15 प्रतिशत मासिक नक्सल क्षेत्र भत्ते की स्वीकृति दी गई थी, जिसे 09 अक्टूबर 2015 को बढ़ाकर अतिसंवेदनशील क्षेत्रों के लिए 50 प्रतिशत, संवेदनशील क्षेत्रों के लिए 35 प्रतिशत और सामान्य क्षेत्रों के लिए 15 प्रतिशत कर दिया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने 10 जनवरी 2006 से आरक्षक संवर्ग से निरीक्षक स्तर तक के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में हर महीने 650 रूपए के राशन भत्ते का भी प्रावधान किया है। इसके अलावा 9 अक्टूबर 2015 से बस्तर संभाग के सभी सात जिलों और जिला राजनांदगांव के 9 थाना क्षेत्रों में दो हजार रूपए के मासिक राशन भत्ते की भी मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही एसटीएफ के पुलिस जवानों के लिए 2200 रूपए प्रति माह की दर से राशन भत्ते का प्रावधान किया गया है। 

पैकरा ने बताया-बस्तर राजस्व संभाग के पुलिस कर्मचारियों के लिए 23 जुलाई 2013 से बस्तर भत्ते में वृद्धि की गई है। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद होने वाले पुलिस के बहादुर अधिकारियों और जवानों के परिवारों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सामूहिक बीमा विकल्प विशेष अनुदान योजना 2008 के अनुसार दस लाख रूपए का भुगतान किया जाता था, जिसे दो सितम्बर 2013 से बढ़ाकर 25 लाख रूपए कर दिया गया है। शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों के शिक्षारत संतान के लिए एकमुश्त 40 हजार रूपए दिए जाते हैं। 

गृह मंत्री ने बताया कि शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों के लिए विशेष अनुग्रह अनुदान राशि को एक अप्रैल 2010 से बढ़ाकर 15 लाख रूपए कर दिया गया है। इसके अलावा शहीद सहायक आरक्षकों के आश्रित परिवार को पांच लाख रूपए की विशेष अनुग्रह अनुदान राशि दी जाती है। राज्य सरकार ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बावजूद शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों को राहत देने के लिए असाधारण परिवार पेंशन का प्रावधान किया है। शहीद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवारों को विशेष ग्रेच्युटी के रूप में 40 महीने के वेतन के बराबर राशि दी जाती है। समूह बीमा योजना 1985 के तहत तीन लाख रूपए अलग से दिए जाते हैं। शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों को अशासकीय निधि से शहीद सम्मान निधि के रूप में चार लाख रूपए दिए जाते हैं। श्री पैकरा ने बताया कि शहीद पुलिस कर्मियों के आश्रितों के लिए परोपकार निधि से एक लाख रूपए देने का प्रावधान किया गया है।

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पैकरा ने बताया कि राज्य सरकार पुलिस कर्मियों के लिए पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन भी बनाया गया है। आज की स्थिति में आवास गृह की संख्या बढ़कर 14 हजार 283 हो गई है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पुलिस कर्मियों के लिए दस हजार न मकान निर्माण की कार्रवाई भी प्रक्रियाधीन है। जिन पुलिस कर्मचारियों को सरकारी मकान की सुविधा नहीं मिल सकी है, उन्हें 22 फरवरी 2010 से शहरों के वर्गीकरण के आधार पर क्रमशः दस प्रतिशत, सात प्रतिशत और 30 प्रतिशत मकान किराया भत्ता दिया जा रहा है। इसके अलावा नया रायपुर में स्वयं के मकान अथवा किराए के मकान में रहने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन का 30 प्रतिशत मकान किराया भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक पुलिस कर्मचारियों को हर महीने 100 रूपए पौष्टिक आहार भत्ता भी दिया जा रहा है।

गृह मंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए भी प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने 17 जुलाई 2013 के आदेश के तहत वाहन चालकों को हर महीने 200 रूपए मोबाइल भत्ता भी देने का प्रावधान किया गया है।

गृह मंत्री विभाग में आज 75 हजार 554 कर्मचारी हैं। घायल जवानों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके, इसके लिए हेलीकॉप्टरों की संख्या में भी वृद्धि की गई है। राज्य शासन द्वारा पुलिस बल को एक हेलीकॉप्टर अलग से दिया गया है। 

वेब डेस्क, IBC24