बरुण सखाजी. सह-कार्यकारी संपादक-आईबीसी24
भाजपा की 16-17 जनवरी को राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में 2023 में होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव प्रमुख रूप से एजेंडे में शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी अपने कुछ प्रदेश के अध्यक्षों को भी बदल सकती है। चर्चा तो यहां तक है कि कुछ मुख्यमंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष फिलहाल जेपी नड्डा हैं, लेकिन चर्चा दूसरे नामों पर भी होगी। इस चर्चा में तीन स्तरों पर बात होगी। पहली सांगठनिक उधेड़बुन, दूसरा सत्ता सरकार की रणनीति, तीसरा मुद्दे। 16-17 जनवरी की इस बैठक में किस-किस बात पर चर्चा होगी, आइए समझते हैं जरा विस्तार से।
MP में भी बदलाव की बयार
भाजपा अपने 9 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों पर विचार कर सकती है। इनमें सबसे अहम है मध्यप्रदेश। एमपी में चल रही सत्ता-संगठन के बीच की असहमति से पार्टी नहीं चाहती कि लोकसभा से महज 3 महीने पहले 29 सीटों वाला मजबूत भाजपाई राज्य उसके हाथ से छिटके। इसका समाधान भाजपा खोज रही है। ऐसे ही गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष को राष्ट्रीय टीम में लेने की भी चर्चा है। एमपी में अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाले राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा एक नाम सुमेर सिंह सोलंकी का भी पैनल में है। पार्टी ने 2018 में हार के कारण के रूप में आदिवासी वोटर्स को चिन्हित किया था। इसी कड़ी में पार्टी पूरी तरह से आदिवासी वोटर्स को अपने पाले में खींचने में जुटी हुई है। टंट्या मामा, भगवान बिरसा मुंडा जयंती समारोह इसी कड़ी के हिस्से रहे हैं। पार्टी एमपी में ओबीसी फेस को मुख्यमंत्री और एसटी फेस को प्रदेश अध्यक्ष रखना चाहती है।