रीवा । अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के निर्माण शाखा में पदस्थ उपयंत्री कृष्ण मोहन त्रिपाठी को आज लोकायुक्त पुलिस के द्वारा 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया गया है। उपयंत्री ने विश्वविद्यालय के भीतर निर्मित स्वर्ण जयंती पार्क की आठ लाख की लागत के बिल को पास कराने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की थी जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए उसे धर दबोचा। कार्रवाई के बाद उपयंत्री को निलंबित कर दिया गया है।
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मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की काली कमाई के कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं और यही कारण है कि उनके ऊपर गाज भी गिरती है, फिर भी वह काली कमाई करने से बाज नहीं आते। ऐसा ही एक नया कारनामा सामने आया है, रीवा जिले के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से जहां विश्वविद्यालय के निर्माण शाखा में पदस्थ उपयंत्री कृष्ण मोहन त्रिपाठी के द्वारा संविदा कार से बिल पास कराने की एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी, जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की और लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्ट उपयंत्री को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया।
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दरअसल वर्ष 2016-17 में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के भीतर संविदा कार सुतीक्षण सोहगौरा के द्वारा स्वर्ण जयंती पार्क का निर्माण कराया गया था, जिसकी कुल लागत 8 लाख रुपए है और अब इस लागत के बिल को पास कराने के लिए पीड़ित कार्यालयों के चक्कर काटने लगे थे, उपयंत्री ने 4 किस्तों की बिल का तीन किस्त पास कर दिया था और चौथी किस्त पास करने के लिए पूरे रकम की 5% कीमत यानी 50 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर मांग कर दी, जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की और लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आरोपी उपयंत्री को धर दबोचा।
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