जनता कांग्रेस छत्तीगसढ जे. के सस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राष्टीय स्वयं सेवक संघ पर कुछ सवाल दागे है. तथा छत्तीसगढ प्रवास पर संघ प्रमुख मोहन भागवत से उन सवालो का जवाब तलब किया है।जिसमें उनका पहला महत्वपूर्ण सवाल कि देश के स्वातंत्रता आदोलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता दृव श्यामाप्रसाद मुखर्जी एवं दीनदयाल उपाध्याय एवं आजादी के पूर्व के संघ प्रमुख सहित स्वयं सेवको ने अग्रेजी हुकुमत के खिताफ आंदोलन प्रदर्शन धरना तथा किसी भी तरह का विरोध दर्ज क्यो नही किया ?
ये भी पढ़े – संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे रायपुर, तीन दिन चलेगा मंथन
तथा उन्होनें यह भी पूछा है कि अग्रजो के डिवाईड एंड रूल नीति बाबत् आपकी क्या सोच एवं राय है ?
क्या भारत रत्न डाॅ. भीमराव अम्बेडकर रचित धर्मनिरपेक्ष सविधान पर आप या संघ परिवार विश्वास करता है ? तथा क्या आप देश हित में देश के सेकुलर सविधान को यथावत रखने के पक्षधर है? क्या आप आरक्षित वर्ग के आरक्षण को यथावत रखने के पक्ष में है ? आपने बिहार विधानसभा चुनाव के समय आरक्षण की समीक्षा की जायेगी कहा था, उससे आपकी मंशा क्या है ?
केन्द्रीय मंत्री हेगडे के द्वारा गत दिवस सार्वजनिक रूप से घोषना की गई है कि भाजपा सेकुलर सविधान को बदलने के लिए ही सत्ता में आई है। हेगडे के उक्त कथन पर आपकी या प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी द्वारा कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नही की गई ?
ये भी पढ़े – अजीत जोगी का “बाहुबली” अवतार बना चर्चा का विषय
श्री जोगी ने पूछा है कि भाजपा आज संघ की शय पर वन्देमातरम् कहने बाबत् हाय् तौबा मचा रही है। परन्तु आजादी के आन्दोलन में राष्टपिता माहात्मा गांधी के अहिसक आदोलन के समय राष्ट पिता के नेतृत्व में देश भक्त क्रातिकारी वन्दे मातरम के उद्घोष के साथ अग्रेजी हुकुमत का जब विरोध कर रहें थे उस समय संघ के तत्कालीन पदाधिकारी एवं स्वयं सेवको ने वन्देमातरम की आवाज क्यो बुलंद नही की ?
देश की आजादी प्राप्ति तक संघ की कोई सक्रीय भुमिका आजादी के इतिहास में कही नही थी संघ एवं भाजपा के पूर्वजो में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्यो नही है?
ये भी पढ़े – छत्तीसगढ़ में सिर्फ बीजेपी और जोगी कांग्रेस के बीच मुकाबला-अजीत जोगी
श्री जोगी ने पूछा है कि देश की आजादी के लगभग 70 वर्ष बाद अर्थात गत वर्ष 2017 गणतत्र दिवस पर पहली बार संघ मुख्यालय नागपुर में देश की आन बान व शान का प्रतीक राष्टध्वज सभी गंणतत्र एवं स्वातंत्रता दिवस पर क्यो नही फहराया गया ? क्या यह संघ के देश प्रेम या देश भक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाला कृत्य नही है।