नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के एक आरोपी ने राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका वापस लेने की मांग की है। आरोपी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उसकी ओर से दया की जो याचिका दाखिल की गई है, उसे तुरंत वापस करने की मांग की है। विनय ने दावा किया कि याचिका में न तो उसके दस्तखत हैं और न ही उसने किसी को अधिकृत किया था।
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आरोपी विनय ने अपने वकील के जरिए राष्ट्रपति को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार के साथ साजिश करके बदनीयती से यह दया याचिका भेजी थी। उसने कहा कि उसके कानूनी विकल्प अभी खत्म नहीं हुए हैं।
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तिहाड़ के एडिशनल आईजी राजकुमार ने बताया कि दया याचिका पर न सिर्फ विनय के साइन थे, बल्कि उसका अंगूठे का निशान भी है। चारों दोषियों को दया याचिका के लिए 7 दिन का वक्त दिया गया था। हमारे पास तमाम रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिससे विनय के झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा। राष्ट्रपति के यहां से दया याचिका खारिज होने पर ब्लैक वॉरंट जारी होने के बाद इन्हें एक ही जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जेल प्रशासन इनकी फांसी पर काम शुरू कर देगा। कुछ तैयारियां शुरू भी कर दी गई हैं।
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दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दया याचिका को तत्काल वापस करने को कहा है। निर्भयाकांड के दोषी विनय शर्मा का कहना है कि गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई दया याचिका में उसने हस्ताक्षर नहीं किए थे।
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