मध्यप्रदेश में हर दिन 6 से 8 किसान खुदकुशी कर रहे हैं, ये आंकड़े हमारे नहीं बल्कि खुद सरकार के हैं, जिन्हें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के एक सवाल के जबाव में गृह मंत्रालय ने विधानसभा में पेश किया. जिनके मुताबिक साल 2004 से लेकर साल 2016 तक, अलग-अलग वजहों से 13 सालों में 15 हजार 129 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
देश में किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं हैं, अन्नाता अपने परिवार का पेट कैसे भरेगा, इसकी चिंता उन्हें तोड़ रही है, जिसकी वजह से देश में हर दिन दर्जनों किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां हर दिन 6 से 8 किसान खुदकुशी करते हैं, गृह विभाग के आंकड़ों की माने तो साल 2004 से 2016 के बीच 15 हजार 129 किसान आत्महत्या कर चुके हैं ।
साल दर साल अगर बात की जाए तो साल 2004 में 1638, साल 2005 में 1248, साल 2006 में 1375, साल 2007 में 1263, साल 2008 में 1379 साल 2009 में 1395, साल 2010 में 1237, साल 2011 में 1326 साल 2012 में 1172, 2013 में 1090, साल 2014 में 826, साल 2015 में 581 और 2016 में 599 किसान अपनी जान दे चुके हैं इनमें से सबसे ज्यादा बुरा हाल विंध्य इलाके का है ।
कृषि में राष्ट्रीय स्तर के 4 कृषि कर्मण अवार्ड पाने वाले प्रदेश के हज़ारों किसान खुदकुशी करेंगे ये आसानी से हजम होने वाली बात नहीं लगती. लेकिन हकीकत यही है. एमपी का विंध्य हो, बुंदेलखंड, या फिर मालवा-निमाड़ हालात कमोबेश हर जगह ऐसे ही हैं ।