500 एकड़ का जमीन घोटाला, जंगल-नदी भी बेच डाली... देखिए खास रिपोर्ट | 500 acres of land scam, jungle river also sold

500 एकड़ का जमीन घोटाला, जंगल-नदी भी बेच डाली… देखिए खास रिपोर्ट

500 एकड़ का जमीन घोटाला, जंगल-नदी भी बेच डाली... देखिए खास रिपोर्ट

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 PM IST
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Published Date: September 19, 2019 10:50 am IST

महासमुंद। महासमुंद में सरकारी महकमे के अधिकारियों से मिलकर जमीन फर्जीवाड़े का काम जोरो से चल रहा है। सीबीआई ने पिथौरा तहसील के पिलवापाली गांव के ऐसे ही एक बड़े घोटाले की जांच करवाई है। जिसमें 500 एकड़ राष्ट्रीय वन भूमि को 8 लोगों ने खरीदकर एक कंपनी को बेच दी है। इस बिक्री के लिए जमीन के 25 टुकड़े कर ऐसे किसानों के नाम से अपने नाम करवाई है, जिनकी जमीन ही नहीं है।

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साल 2012 में महासमुंद जिले के पिलवापाली गांव में 500 एकड़ वन भूमि का यह घोटाला हुआ। इस घोटाले के दलाल और सरकारी कर्मचारियों ने सरकारी रिकार्ड में फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उसे रायगढ़ के कल्प एग्रीकल्चर फार्म के नाम पर बेच दी। लेकिन तब विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने इसे विधानसभा में उठा दिया और दबाव में आकर तत्कालीन सरकार ने इसकी जांच करवाई। लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति हुई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि तत्कालीन सरकार ने मुख्य आरोपियों को बचा लिया जिसे बाद में पदोन्नति का तोहफा भी दिया गया।

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लेकिन जब सीबीआई को इसकी जानकारी लगी तो कलेक्टर को पत्र लिखकर पूरी जानकारी मांगी। उस दौरान राज्य में सरकार भी बदल गई। नई सरकार के कार्यकाल में अब इसकी जांच हुई है। फरवरी 2019 में जांच रिपोर्ट आई और 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ये भी साफ हुआ है कि इस घोटाले में स्थानीय उप पंजीयक सहित तहसीलदार की भी मिलीभगत थी। रिपोर्ट आने के बाद अब कलेक्टर कह रहे हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई गई है, सीबीआई को जांच प्रतिवेदन भेजा है

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मामला खुलने के बाद अधिकारियों को उम्मीद थी कि वो अपना बचाव कर लेंगे। उन्होंने किसानों को तैयार किया और उन्हें 25-25 हजार रुपए देकर पक्ष में गवाही देने कहा था। लेकिन जांच में अब सारा खुलासा हो चुका है। छूटे 5 अधिकारी भी अब आरोपी बना दिए गए हैं, लेकिन जांच पूरी हुए 7 महीने गुजर गए हैं लेकिन अभी भी इन पर कार्रवाई नहीं हुई है।

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