भोपाल। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए है। आज से मप्र स्थापना दिवस के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। सीएम डॉ मोहन यादव ने मप्र स्थापना दिवस के 5 दिवसीय राज्योत्सव की शुरुआत की। कार्यक्रम लाल परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ। सीएम ने इस मौके पर आर्मी इक्विपमेंट्स की प्रदर्शनी को भी देखा। इसी दौरान सीएम आर्मी के टैंक “अर्जुन” में उतरे और उन्होंने आर्मी अफसरों से टैंक संचालन और उसकी खूबियां समझीं। उन्होंने आर्टिलरी गन, मॉडर्न टेक्नोलॉजी के रोबोटिक उपकरण देखे। बता दें कि 1 नवंबर को मप्र का 69वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
कार्यक्रम में मंत्री कृष्णा गौर , सांसद आलोक शर्मा, महापौर मालती राय ,विधायक भगवान दास सबनानी, पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला तथा अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि 1 नवंबर को मप्र का स्थापना दिवस है। आठ करोड़ से ज्यादा देवतुल्य जनता को इस दिवस की बधाई। इतना सुखद संयोग है एक तरफ दीपोत्सव चल रहा है दूसरी तरफ राज्योत्सव चल रहा है। ये हमारा सौभाग्य है। दीपोत्सव की बेला में हम 69वां राज्योत्सव मना रहे हैं। 5 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव ने हमारे आनंद की सीमाओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। अगले चार दिनों तक लगातार कार्यक्रम चलेंगे। मलखंब प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों की सीएम ने तारीफ की।
देश के दिल में प्रधानमंत्री के लिए विशेष स्नेह है और उनका आशीर्वाद हमारे साथ है। कई विशेषताओं को समेटे हुए इस प्रदेश में बुन्देलखंड, बघेलखंड, निमाड़ मालवा और महाकौशल है जिनकी अनुपम संस्कृति और परंपरा के संवाहक हैं। धर्म आध्यात्म, ज्ञान की त्रिवेणी विंध्याचल और सतपुड़ा की धरती पर मप्र गौरव से इठलाता भी है और गर्व से सीना तान के पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाता है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मप्र की सरकार के गठन के साथ हमें यह मौका मिला है कि हमारा राज्योत्सव दीपोत्सव के साथ मनना चाहिए। 500 साल के गौरवशाली इतिहास का आज क्षण है। जब मप्र में हम यहां राज्योत्सव मना रहे हैं। और अयोध्या में दो हजार साल पहले जो विराट मंदिर की नींव सम्राट विक्रमादित्य द्वारा रखवाई गई थी। आताताईयों ने हमारे उस भव्य 84 काले कसौटी के खंबे वाला मंदिर ध्वस्त किया था। हमने ध्वस्तता के उन चिन्हों को मिटाने के लिए 500 साल का धैर्य रखा है। उस 500 साल के धीरज के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भगवान राम मुस्करा रहे हैं। जब शाम को वहां जब दीवाली मनेगी तो हमें 1700 साल पुराने इतिहास से जोड़ेगी।
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