भोपाल, 22 फरवरी (भाषा) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चन्द्रा ने सोमवार को कहा कि नेपाल और भूटान मित्र राष्ट्रों के साथ खुली सीमाओं पर एसएसबी को बल की तुलना में खुफिया सूचनाएं एवं धारणा प्रबंधन जैसे विभिन्न कौशल की आवश्यकता होती है।
भोपाल के बाहरी इलाके चंदूखेड़ी में एसएसबी के 24वें बैच सहायक कमांडेंट (सीधी भर्ती) के कुल 37 प्रशिक्षु अधिकारियों के दीक्षांत परेड समारोह को संबोधित करते हुए चन्द्रा ने नेपाल और भूटान जैसे मित्र राष्ट्रों के साथ खुली सीमाओं के प्रबंधन की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि इसमें केवल बल की तुलना में आसूचना और धारणा प्रबंधन जैसे विभिन्न कौशल की आवश्यकता होती है।
चन्द्रा ने सभी 37 प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय संविधान को साक्षी मान, शपथ दिलाकर राष्ट्र सेवा में समर्पित किया। इन अधिकारियों को एसएसबी अकादमी भोपाल में 52 सप्ताह का कठोर प्रशिक्षण दिया गया है।
स्वागत भाषण में एसएसबी के महानिरीक्षक एवं अकादमी के निदेशक राजिन्द्र कुमार भूमला ने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों में भी कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशिक्षण गतिविधियों को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।
उन्होंने अकादमी के आसपास क्षेत्र में महामारी के दौरान एसएसबी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। भूमला ने कहा कि आज के बदलते हुए परिदृश्य एवं बल की बढ़ती हुई जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए इन प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।
चन्द्रा ने कार्यक्रम में विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अधिकारी प्रशिक्षुओं को भी सम्मानित किया। सहायक कमांडेंट (प्रशिक्षु) संदीप आर्य को सर्वोत्कृष्ट प्रशिक्षु होने के लिए ‘सॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अकादमी समाचार पत्रिका ‘भोजपत्र’ के 5 वें संस्करण और अकादमी के अंदर पाए जाने वाले पक्षियों के बारे में एक कॉफी टेबल बुक ‘विंग्स ऑफ अकादमी’ का विमोचन किया गया।
भाषा दिमो अर्पणा
अर्पणा
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