रायपुर। छत्तीसगढ़ को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सौगात दी है। राजनांदगांव और जगदलपुर मेडिकल कॉलेजों को कुल 350 सीटों की मान्यता मिली है। अंबिकापुर और चंदूलाल कॉलेज इस मान्यता से वंचित रह गए है। प्रदेश के बाकी सभी मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस सीटों के लिए मान्यता दे दी गई है।
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बता दें इससे पहले रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के 50 सीटों को नए सत्र के लिए मान्यता दी है। फैकल्टी और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी दूर नहीं कर पाने के कारण एमबीबीएस की 50 सीटों को मान्यता मिलने की संभावनाएं कम थी। दरअसल, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित करने के बाद रायगढ़ मेडिकल कॉलेज पर भी खतरा मंडरा रहा था, लेकिन शनिवार को एमसीआई की गवर्निंग बॉडी ने मान्यता के लिए हरी झंडी दे दी है।
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शासन ने बिलासपुर, राजनांदगांव और जगदलपुर के साथ रायगढ़ मेडिकल कॉलेज को अंडर टेकिंग ली है। 28 मई को स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक व डीएमई डॉ. एसएल आदिले ने एमसीआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कॉलेज की कमियों को दूर कर लेने की बात बारीक ने कही। अंडर टेकिंग लेने के बाद मेडिकल कॉलेजों को मान्यता मिलती रही है।
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गौरतलब है अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है। एमसीआई की गवर्निंग बॉडी ने फैकल्टी और अन्य जरूरी सुविधाओं की कमी दूर नहीं कर पाने के कारण एमबीबीएस की 100 सीटों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे एमसीआई के निर्णय के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास जाएंगे।
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