अपनी जन्मभूमि बिहार में हॉकी होते देखने का बरसों पुराना सपना सच हुआ : हरेंद्र |

अपनी जन्मभूमि बिहार में हॉकी होते देखने का बरसों पुराना सपना सच हुआ : हरेंद्र

अपनी जन्मभूमि बिहार में हॉकी होते देखने का बरसों पुराना सपना सच हुआ : हरेंद्र

:   Modified Date:  November 10, 2024 / 04:43 PM IST, Published Date : November 10, 2024/4:43 pm IST

राजगीर (बिहार), 10 नवंबर (भाषा) अपनी जन्मभूमि बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी के आयोजन से भावुक हुए भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि उनका बरसों पुराना सपना सच हो गया है ।

बिहार के छपरा में जन्में हरेंद्र भारतीय पुरूष टीम, महिला टीम, विश्व कप 2016 विजेता जूनियर टीम के कोच भी रहे । द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त हरेंद्र तीन साल तक अमेरिकी पुरूष टीम के कोच रहने के बाद इस साल अप्रैल में फिर भारतीय महिला टीम के कोच बने ।

राजगीर में कल से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी से पूर्व वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा ,‘‘बहुत कम कोचों को अपनी जन्मभूमि पर इस तरह के टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिलता है । जहां तक मुझे याद है स्वर्गीय एम के कौशिक सर (हरियाणा) और भास्करन वासुदेवन सर (तमिलनाडु) को यह मौका मिला।’’

55 वर्ष के इस कोच ने कहा ,‘‘ बिहार में तो कभी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी नहीं हुई और अब एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जैसा बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है और मैं कोच हूं । मेरी बरसों से इच्छा थी कि बिहार में हॉकी हो और इसे पूरा होते देखना मेरे लिये बहुत जज्बाती पल है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बिहार सरकार और हॉकी इंडिया को अपनी टीम और परिवार की ओर से इसके लिये धन्यवाद देना चाहता हूं ।रोमांच के साथ अपेक्षायें भी बहुत हैं और सारी लड़कियां भी काफी उत्साहित हैं ।’’

भारतीय टीम की कप्तान सलीमा टेटे ने कहा ,‘‘ सर के साथ हम सभी उनके प्रदेश में पहली बार खेलने को लेकर उत्साहित हैं । हम अच्छे नतीजे देकर इसका जश्न मनाना चाहते हैं ।’’

भाषा

मोना नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)