लंदन, 13 दिसंबर (भाषा) शतरंज के नए विश्व चैंपियन डी गुकेश चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ अपने मैच के स्तर पर आलोचना से बिल्कुल भी परेशान नहीं हैं और उन्होंने कहा कि बड़े मैच सिर्फ इस बात से तय नहीं होते कि खेल कितना अच्छा खेला गया बल्कि इच्छाशक्ति और चरित्र से भी तय होते हैं जो उनमें भरपूर मात्रा में है।
गुकेश (18 साल) ने चीनी खिलाड़ी को 7.5-6.5 से हराकर खेल के इतिहास में सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन और व्लादिमीर क्रैमनिक इस विश्व चैंपियनशिप के मुकाबलों के स्तर से प्रभावित नहीं थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह कार्लसन की टिप्पणियों से आहत हैं तो गुकेश ने बीबीसी वर्ल्ड से कहा, ‘‘ नहीं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि शायद कुछ मैच में स्तर इतना ऊंचा नहीं था, लेकिन विश्व चैंपियनशिप के मैच केवल शतरंज से नहीं बल्कि इस बात से तय होते हैं कि किसकी इच्छाशक्ति बेहतर है और बेहतर जज्बा है। और मुझे लगता है कि मैंने उन गुणों को काफी अच्छे से दिखाया। ’’
हालांकि गुकेश ने माना कि वह बेहतर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना पसंद करते।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक शुद्ध शतरंज वाला हिस्सा है, यह उतना उच्च स्तर का नहीं था जितना मैं चाहता था क्योंकि यह मेरे लिए एक नया अनुभव था। इसलिए कार्यभार अलग था, दबाव अलग था। ’’
गुकेश ने कहा, ‘‘यह समझ में आता है कि मैं थोड़ा सा खराब खेला, लेकिन मैं महत्वपूर्ण क्षणों में वापसी करने में कामयाब रहा, जिससे मैं खुश हूं। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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