नयी दिल्ली । चेतेश्वर पुजारा ने गुरूवार को कहा कि वह टेस्ट में प्रासंगिक बने रहने के लिए बल्लेबाजी में लचीलापन लाने की जरूरत को समझ चुके हैं। वह क्रिकेट के इसी प्रारूप में खेलते हैं। डेढ़ दशक से अधिक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद अपने 100वें टेस्ट की दहलीज पर खड़े पुजारा ने टीम प्रबंधन के साथ चर्चा के बाद अपनी बल्लेबाजी में कुछ नये शॉट जोड़े हैं। पिछले साल पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान भारतीय टीम से कुछ समय के लिए बाहर कर दिया गया था। तब दावा किया गया था वह अपने खेल को आगे नहीं बढ़ा पाये थे जिससे गेंदबाजों पर दबाव आ गया था। आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर इसमें हुई मुश्किलों के बारे में पूछने पर पुजारा ने पीटीआई से कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होने की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास रखना होता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैंने जो कुछ किया है, उसके लिये मुझे पहले पांच-सात वर्षों में किस तरह सफलता मिली और मैं अपना खेल नहीं बदल सकता, लेकिन निश्चित रूप से आप अपने खेल में सुधार कर सकते हो और अपने खेल में कुछ चीजें जोड़ सकते हो। लेकिन आप अपना पूरा खेल नहीं बदल सकते। ’’ पुजारा अभी तक 19 शतक और 7000 से अधिक रन बना चुके हैं। फिर एक और चुनौती कई प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों से होती है जिनके पास आक्रामक खेल का एक अलग आयाम है। उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी की शैली अलग होती है। इतने वर्षों में मैंने जो सीखा है, वो अपनी मजबूती पर अडिग बने रहना है और आपको इसका समर्थन करना चाहिए। मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपने खेल में कुछ शॉट जोड़े हैं और एक क्रिकेटर के रूप में आगे बढ़ना जारी रखा है। ’’
भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद वह इंग्लिश काउंटी क्रिकेट खेलने चले गये और ससेक्स के लिये काफी रन जुटाये और वापसी करते हुए 100 टेस्ट खेलने वाले 13वें भारतीय बने। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले ही राहुल भाई (द्रविड़) और विक्की पाजी (विक्रम राठौर) से बात कर ली थी। मैं हालांकि टीम से बाहर था, मुझे स्पष्ट पता था कि कुछ चीजें हैं जिन पर मुझे काम करना है और फिर भारत के लिए खेलने का मौका मिल जाएगा। ’’ पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे इंग्लैंड में एकमात्र टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला और मैं तैयार था। मैंने ससेक्स के लिए प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और काफी रन बनाये जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। ’’
पुजारा ने कहा कि वह अब पारंपरिक प्रारूप में कुछ अपरंपरागत शॉट खेलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बतौर क्रिकेटर मैं सफेद गेंद का क्रिकेट खेला। इससे मुझे सौराष्ट्र और ससेक्स की ओर से खेलने में मदद मिली जिसमें मैंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्वीप शॉट्स खेलने की कोशिश की और पैडल स्कूप भी खेला। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इन शॉट्स को टेस्ट में लगाना चाहता था। इससे मुझे बांग्लादेश के खिलाफ पिछली श्रृंखला में भी मदद मिली है और जब हमें तेजी लानी होती तो मुझे कुछ शॉट खेलने पड़े। ’’ पुजारा ने कहा, ‘‘मैं अब थोड़ा अधिक खुले विचारों वाला बन गया हूं और बदलावों के प्रति लचीला हो गया और परिस्थितियों के अनुकूल हो जाता हूं और तकनीक में बदलाव के लिए तैयार हूं।’’
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