नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने और उनकी ट्रेनिंग से जुड़ी अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघों को धनराशि वितरित करने की अनुमति देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से देश गौरवांवित होगा।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने अंतरिम निर्देश पारित करते हुए विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को धनराशि वितरित करने की निगरानी के लिए मौजूदा पांच सदस्यीय समिति में दो और सदस्यों को जोड़ा।
पीठ ने याचिकाकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा को नोटिस जारी किया और केंद्र द्वारा एनएसएफ को धनराशि जारी करने की अनुमति देने के लिए दायर आवेदन पर जवाब मांगा।
केंद्र ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के समक्ष 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाने का अपना इरादा जाहिर किया है।
पीठ ने कहा, ‘‘अदालत का मानना है कि इस अंतराल में कुछ अंतरिम निर्देश/व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत 2036 में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों का आयोजन कर सके।’’
भाषा सुधीर
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