Team India entered the field wearing black bands on their arms in honour of former Prime Minister Manmohan Singh

Team India tribute to Manmohan Singh: बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी टीम इंडिया, वजह जानकर बढ़ जाएगी Respect

Team India entered the field wearing black bands on their arms in honour of former Prime Minister Manmohan Singh

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Modified Date: December 27, 2024 / 07:33 AM IST
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Published Date: December 27, 2024 7:30 am IST

मेलबर्नः Team India tribute to Manmohan Singh भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को बांह पर काली पट्टी बांध कर मैदान पर उतरे। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय टीम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की याद में सम्मान के तौर पर बांह पर काली पट्टी बांध रही है।’’ ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन की शुरुआत छह विकेट पर 311 रन से आगे से की है।

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भारत में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक

Team India tribute to Manmohan Singh पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) लाया गया था। वे घर पर बेहोश हो गए थे। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे। मनमोहन सिंह, 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री बने और मई 2014 तक इस पद पर दो टर्म रहे। वे देश के पहले सिख और चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। साथ ही शुक्रवार को होने वाले सभी कार्यक्रम कैंसिल कर दिए गए हैं। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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कई सरकारी पदों पर किया काम

1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए। इसके तुरंत बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। वह जिन कई सरकारी पदों पर रहे उनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल है। मनमोहन सिंह 1991 से 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री भी रहे। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में आज भी सराहा जाता है।