(हिमांग नेगी)
नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग ने इस साल के खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किए गए खिलाड़ियों से निराश नहीं होने और इसे भविष्य की प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती के रूप में लेने का आग्रह किया है।
तोक्यो खेलों के कांस्य को पिछले साल पेरिस में स्वर्ण पदक में बदलने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह जैसे कुछ पैरा खिलाड़ियों ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की है।
लंदन 2012 ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और अब भारतीय ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष नारंग ने कहा कि खिलाड़ियों का ‘अंतिम लक्ष्य’ पुरस्कारों से अधिक पदक होना चाहिए।
नारंग ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘किसी भी खिलाड़ी के लिए पुरस्कार प्रोत्साहन का स्रोत होता है। लेकिन जब कोई खिलाड़ी अपनी यात्रा शुरू करता है तो पुरस्कार अंतिम लक्ष्य नहीं होते। जो चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है वह है देश के लिए पदक जीतना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुरस्कार आते-जाते रहेंगे। अगर इस बार नहीं तो अगले साल मिल सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि यह कोई हतोत्साहित करने वाला कारक होना चाहिए…उन्हें भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होना चाहिए।’’
नारंग ने कहा कि खिलाड़ियों को समय के साथ यह एहसास हो गया है कि देश हर चीज से ऊपर है, जिसमें पदक भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन खिलाड़ियों ने भी समय के साथ यह समझ लिया है कि देश सबसे ज्यादा मायने रखता है और यह पहली प्राथमिकता है।’’
नारंग ने ओलंपिक वर्ष में जूरी के सामने आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार किया जहां असाधारण प्रदर्शन बहुत होते हैं जिससे चयन प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक वर्ष को ध्यान में रखते हुए और इतने शानदार प्रदर्शन देखने के बाद जूरी के लिए कोई फैसला लेना बहुत मुश्किल काम है।’’
नारंग ने उम्मीद जताई कि मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर निकट भविष्य में काम किया जाएगा जिसकी बैठक मंगलवार को हुई। नारंग के अलावा बैडमिंटन के दिग्गज खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद और पूर्व टेबल टेनिस खिलाड़ी कमलेश मेहता सहित अन्य लोग एमओसी के सदस्य हैं।
भाषा सुधीर पंत
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