नॉर्थ साउंड, छह फरवरी (भाषा) भारत के अंडर-19 क्रिकेटरों ने शानदार कौशल और परिपक्वता का परिचय देते हुए शनिवार को यहां इंग्लैंड को फाइनल में चार विकेट से हराकर पांचवीं बार विश्व कप जीता।
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कप्तान और स्टार बल्लेबाज यश धुल से लेकर फाइनल में खिताबी जीत के हीरो रहे राज बावा के हाल के प्रदर्शन पर पीटीआई नजर डाल रहा है जिनकी बदौलत भारत अंडर-19 स्तर पर अपना दबदबा बरकरार रखने में सफल रहा।
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यश धुल (कप्तान): भारत की अंडर-19 टीम के कप्तान दिल्ली के जनकपुरी इलाके के रहने वाले हैं और मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़ा। वह दिल्ली की अंडर-16 टीम की अगुआई कर चुके हैं और वीनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच पारियों में 302 रन बनाए थे।
उनके कौशल को देखते हुए उन्हें टीम का कप्तान बनाया गया। कोविड-19 संक्रमण के कारण दो लीग मैच से बाहर रहने वाले धुल ने तीन अहम पारियां खेलकर अपनी प्रतिभा दिखाई।
शेख रशीद: उप कप्तान और तीसरे नंबर के बल्लेबाज रशीद ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में आंध्र की ओर से छह पारियों में 75.2 के औसत से 376 रन बनाए। उन्होंने चैलेंजर ट्रॉफी में शतक जड़ते हुए 119 रन बनाए। इसके अलावा एशिया कप सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 90 रन की पारी खेली और विश्व कप से पहले आस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में नाबाद 72 रन बनाए।
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रशीद ने भारत को फाइनल में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
हरनूर सिंह पन्नू: बाएं हाथ के विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हरनूर को एशिया कप 2021 में टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने पांच पारियों में 251 रन बनाए जिसमें 120 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। विश्व कप में हालांकि हरनूर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए।
उन्होंने चैलेंजर ट्रॉफी 2021-22 में चार पारियों में तीन शतक की मदद से 397 रन बनाए थे।
राज बावा: विश्व कप फाइनल में भारत की जीत के हीरो बावा बाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में चार विकेट चटकाकर सुर्खियां बटोरी और चैलेंजर ट्रॉफी के तीन मैच में एक शतक जड़ने के अलावा आठ विकेट भी चटकाए।
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उनके पिता सुखविंदर सिंह बावा भारत के पूर्व स्टार आलराउंडर युवराज सिंह के कोच रह चुके हैं जबकि उनके दादा तरलोचन सिंह बावा 1948 में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे।
अंगकृष रघुवंशी: अंगकृष दाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज और विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज हैं। उन्होंने एशिया कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ अर्धशतक जड़ा। उनके पिता अवनीश भारत के लिए टेनिस खेल चुके हैं और मां मलिका ने बास्केटबॉल में देश का प्रतिनिधित्व किया है।
वह 11 साल की उम्र में दिल्ली से मुंबई गए और वहां पूर्व भारतीय आलरांउडर और स्टार घरेलू खिलाड़ी अभिषेक नायर से कोचिंग ली।
राजवर्धन हांगरगेकर: तेज गेंदबाज और आक्रामक बल्लेबाज राजवर्धन में छक्के जड़ने की विशेष क्षमता है। यह तेज गेंदबाज महाराष्ट्र की ओर से पांच लिस्ट ए और दो टी20 मैच खेल चुका है। उन्होंने एशिया कप में आठ विकेट चटकाने के अलावा 97 रन बनाए। दुर्भाग्य से उन्होंने जून 2020 में कोविड-19 के कारण अपने पिता को खो दिया।
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कौशल तांबे: कौशल दाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज और आफ स्पिनर हैं जिन्हें पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता और महाराष्ट्र के पूर्व कोच सुरेंद्र भावे ने सबसे पहले खोजा था जब वह चयन ट्रायल के लिए गए थे। वह पुणे जिले की जुन्नर तहसील के ओतूर गांव में जन्में। वह जाने माने एसपी कॉलेज में पढ़ते हैं और उनके पिता सुनील तांबे एंटी टेरेरिज्म स्कवाड में एसीपी हैं।
विक्की ओस्तवाल: बाएं हाथ के स्पिनर ओस्तवाल महाराष्ट्र के पुणे जिले के खूबसूरत हिल स्टेशन लोनावला के रहने वाले हैं। अपने कोच मोहन जाधव के जोर देने पर वह चिंचवाड़ के थेरागांव में उनकी अकादमी ‘द वेंगसरकर अकादमी’ के समीप रहने लगे।
वह एशिया कप 2021 फाइनल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए। उन्होंने फाइनल में 11 रन देकर तीन विकेट चटकाने के अलावा एशिया कप के पांच मैच में 2.29 के इकोनॉमी रेट से आठ विकेट भी चटकाए। वह टूर्नामेंट में भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे।
निशांत सिंधू: शनिवार को फाइनल में अपने जीवन का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण अर्धशतक जड़ने वाले सिंधू बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर हैं। उनकी अगुआई में हरियाणा ने 19 साल बाद वीनू मांकड़ ट्रॉफी जीती और उनकी अगुआई में हरियाणा ने अंडर-16 विजय मर्चेन्ट ट्रॉफी का खिताब भी जीता।
वह राज्य स्तर के मुक्केबाज के बेटे हैं और नियमित कप्तान यश धुल के कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्होंने टीम की अगुआई की। बाद में वह स्वयं भी पॉजिटिव पाए गए।
अराध्य यादव: अराध्य विकेटकीपर और दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं जो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। वीनू मांकड़ ट्रॉफी में उन्होंने सात पारियां में 295 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 42.1 और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 131 रन रहा। उनके कोच अजय शर्मा हैं।
रवि कुमार: रवि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज और सीआरपीएफ अधिकारी के बेटे हैं। उन्होंने बंगाल की ओर से वीनू मांकड़ ट्रॉफी में खेलते हुए 2.75 की इकोनॉमी रेट से 11 विकेट चटकाए।
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उन्होंने विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को सेमीफाइनल में जगह दिलाई। रवि ने फाइनल में भी चार महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।
दिनेश बाना: दिनेश विकेटकीपर और दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वह हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं। दिनेश ने चैलेंजर ट्रॉफी के चार मुकाबलों में 255 रन बनाए और इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 170 रन रहा।
वह महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का नजारा पेश किया।
सिद्धार्थ यादव: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले सिद्धार्थ बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वीनू मांकड़ ट्रॉफी में उन्होंने सात पारियों में 43 की औसत से 258 रन बनाए जिसमें दो अर्धशतक भी शामिल हैं।
गर्व सांगवान: हरियाणा के भिवानी के रहने वाले सांगवान दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। भिवानी को उसके मुक्केबाजों और पहलवानों के लिए जाना जाता है। वह वीनू मांकड़ ट्रॉफी जीतने वाली हरियाणा की टीम के सदस्य थे।
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