नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) पूर्व खिलाड़ियों और कोचों ने शुक्रवार को खेल मंत्रालय से एथलीटों के चयन में पारदर्शिता लाने के लिए एक सलाहकार समिति गठित करने का आग्रह करने के साथ राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएफएस) के कामकाज की निगरानी के लिए सरकारी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के मसौदे पर उनके विचार जानने के लिए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिनमें से कई ने कहा कि यह विधेयक सही दिशा में एक कदम है क्योंकि भारत का लक्ष्य एक खेल महाशक्ति बनना है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल एशियाई खेलों के पदक विजेता और कई बार के राष्ट्रीय चैंपियन मुक्केबाज राजकुमार सांगवान ने कहा, ‘‘सरकार को चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक खेल सलाहकार समिति का गठन करना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों से सरकारी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है, इसलिए इसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।’’
अर्जुन पुरस्कार विजेता कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुडा ने कहा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए खेल सलाहकार समिति के अधिकारियों को ‘राष्ट्रीय चैंपियनशिप और राज्यों की प्रतियोगिताओं का दौरा करना चाहिए’।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि एथलीटों के साथ कोई अन्याय न हो और अधिक से अधिक खिलाड़ी जमीनी स्तर से जुड़ें।’’
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक पर, हुड्डा ने कहा, यह एक ‘बहुत बड़ा कदम’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी इसके पक्ष में हैं क्योंकि इससे देश में खेलों में बड़ा बदलाव आएगा।’’
हुड्डा ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को नौकरी, पुरस्कार राशि और पुरस्कार देने के बावजूद सरकार को सारी आलोचना मिलती है, जबकि महासंघों को शायद ही कभी निशाना बनाया जाता है।
एक अन्य कोच ने कहा कि मंत्रालय चाहता है कि ‘कॉर्पोरेट घराने और राज्य व्यक्तिगत खेल विधाओं में प्रतिभाओं को निखारने की जिम्मेदारी लें।’’
भाषा आनन्द नमिता
नमिता
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)