निशानेबाज रूबिना के कांस्य पदक ने पैरालंपिक में भारत के लिए दिन को खास बनाया |

निशानेबाज रूबिना के कांस्य पदक ने पैरालंपिक में भारत के लिए दिन को खास बनाया

निशानेबाज रूबिना के कांस्य पदक ने पैरालंपिक में भारत के लिए दिन को खास बनाया

:   Modified Date:  August 31, 2024 / 08:47 PM IST, Published Date : August 31, 2024/8:47 pm IST

शेटराउ/पेरिस , 31 अगस्त (भाषा) भारतीय निशानेबाज रूबिना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत की पदकों की संख्या को बढ़ाया तो वहीं बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार और सुकांत कदम शनिवार को पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए।

रूबिना का कांस्य पदक निशानेबाजी में देश का चौथा पदक है। वह पैरालंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पिस्टल निशानेबाज हैं।

गत चैंपियन और विश्व रिकार्ड धारी निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 25 वर्षीय रूबिना ने कुल 211.1 अंक हासिल कर आठ महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया।

उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।

ईरान की जावानमार्डी सारेह ने 236.8 के कुल स्कोर के साथ अपना लगातार तीसरा पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता जबकि विश्व रिकॉर्ड धारी तुर्की की ओजगान आयसेल ने 231.1 के साथ रजत पदक जीता।

एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के बंदूक संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं।

मध्य प्रदेश के जबलपुर में मैकेनिक की बेटी रूबिना का जन्म एक पैर में दिव्यांगता के साथ हुआ था। दिग्गज भारतीय निशानेबाज गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से प्रेरित होकर वह निशानेबाजी में आयीं।

रूबिना की प्रतिभा को गन फॉर ग्लोरी अकादमी ने 2015 में पहचाना और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह तोक्यो पैरालंपिक में भी सातवें स्थान पर रही थी।

उन्हें मशहूर कोच जसपाल राणा के छोटे भाई सुभाष राणा ने प्रशिक्षित किया है।

नितेश, सुकांत बैडमिंटन पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचे

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भारतीय शटलर नितेश कुमार और सुकांत कदम ने अपने आखिरी ग्रुप मैचों में सीधे गेम में जीत दर्ज करने के बाद क्रमशः पुरुष एकल एसएल 3 और एसएल 4 श्रेणियों के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले एसएल 3 वर्ग के खिलाड़ी नितेश ने थाईलैंड के मोंगखोन बुनसुन को 21-13, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया।

बुनसुन ने ग्रुप ए से दूसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। दोनों ग्रुप में शीर्ष दो स्थानों पर रहने वाले खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

एसएल3 वर्ग निचले अंगों की गंभीर विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए है। वे आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं।

इसी ग्रुप के एक अन्य मुकाबले में तोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार ने चीन के यांग जियानयुआन को 21-1, 21-11 से हराया। वह हालांकि मनोज इससे पहले बुनसुन और नितेश से हारने के बाद सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गये थे।

पुरुष एकल एसएल4 वर्ग में सुकांत ने थाईलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया और हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहे।

तीन खिलाड़ियों के ग्रुप में यह उनकी लगातार दूसरी जीत थी। सुकांत ने पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता था।

एसएल4 में वो एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनके निचले अंग में कमजोरी होती है और जन्हें चलने या दौड़ने में संतुलन की मामूली समस्या होती है।

सुकांत ने इस मैच के बाद कहा, ‘‘यह मेरा पहला टूर्नामेंट है। मैं सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करके बहुत खुश हूं। मैं आज के खेल के लिए अच्छी तरह से तैयार था। पहला मैच इससे कहीं अधिक कठिन था। इस मुकाबले में मैं एक बार एक अंक हासिल करने पर ध्यान दे रहा था। ’’

पुरुषों की एसएल4 प्रतियोगिता में चारों ग्रुप में से केवल शीर्ष खिलाड़ी ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं।

इससे पहले मनदीप कौर ने पेरिस महिला एकल एसएल3 स्पर्धा में ऑस्ट्रेलिया की विनोट सेलीन ऑरेली को हराकर महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

मनदीप ने अपनी ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ग्रुप बी में अपना आखिरी मैच 21-23 21-10 21-17 से जीता। वह अपना पहला मैच नाइजीरिया की बोलाजी मरियम से हार गई थीं।

क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए भारतीय खिलाड़ी के लिए यह मैच जीतना जरूरी था। उन्होंने तीन खिलाड़ियों के ग्रुप बी में दूसरा स्थान हासिल किया। मरियम ने ग्रुप में शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

साइकिलिस्ट और नौकायन में मिली निराशा

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भारतीय साइकिल और नौकायन खिलाड़ियों को हालांकि पैरालंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। अरशद शेख और ज्योति गडेरिया अपने-अपने ट्रैक साइक्लिंग स्पर्धा में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और क्वालिफिकेशन राउंड में हारकर बाहर हो गए।

पुरुषों के 1,000 मीटर टाइम ट्रायल सी13 के क्वालीफाइंग चरण में शेख 1:21.416 के समय से निराशाजनक निचले (17वें) पायदान पर रहे और फाइनल दौर में जगह बनाने में विफल रहे।

वह शुक्रवार को पुरुषों की 3,000 मीटर परस्यूट सी2 स्पर्धा में भी विफल रहे थे।

ज्येाति भी महिलाओं की 500 मीटर टाइम ट्रायल सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में 49.233 के समय से निचले (11वें) स्थान पर रहीं।

गुरुवार को वह महिलाओं की 3,000 मीटर परस्यूट सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में निचले स्थान पर रही थीं।

दोनों भारतीय रोड साइकिलिंग स्पर्धाओं में भी हिस्सा लेंगे।

सी1 से सी5 एकल श्रेणियां हैं जिनमें कृत्रिम अंग या ऊपरी या निचले अंगों की सीमित गतिशीलता वाले एथलीट भाग लेते हैं।

इस बीच, भारतीय नौकाचालक अनिता और नारायण कोंगनापल्ले शनिवार को यहां पेरिस पैरालंपिक की मिश्रित पीआर3 डबल स्कल्स स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे।

यह जोड़ी 7:54.33 सेकेंड से यूक्रेन (7:29.24 सेकेंड) और ब्रिटेन (7:20.53 सेकेंड) से पीछे रही।

भारतीय जोड़ी अब फाइनल बी में प्रतिस्पर्धा करेगी जो सातवें से 12वें स्थान के लिए होती है।

पीआर3 श्रेणी वे पैरा एथलीट खेलते हैं जिनके पैर कोई काम नहीं कर सकते जिससे वे सीट को स्लाइड कर सकते हैं।

भाषा आनन्द नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)