शाहरूख खान के फैन आदित्य ने ‘चक दे इंडिया’ देखकर हॉकी स्टिक थामी |

शाहरूख खान के फैन आदित्य ने ‘चक दे इंडिया’ देखकर हॉकी स्टिक थामी

शाहरूख खान के फैन आदित्य ने ‘चक दे इंडिया’ देखकर हॉकी स्टिक थामी

:   Modified Date:  October 21, 2024 / 05:14 PM IST, Published Date : October 21, 2024/5:14 pm IST

(मोना पार्थसारथी)

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) शाहरूख खान के जबर्दस्त फैन आदित्य अर्जुन लालगे को ‘चक दे इंडिया’ फिल्म ने इतना प्रभावित किया कि उन्होंने परिवार में किसी का खेल से दूर दूर तक नाता नहीं होने के बावजूद हॉकी खिलाड़ी बनने की ठानी और अब जर्मनी के खिलाफ इस सप्ताह होने वाले दो टेस्ट के जरिये भारतीय टीम में पदार्पण का मौका मिल रहा है ।

महाराष्ट्र के सातारा के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले लालगे को 23 और 24 अक्टूबर को जर्मनी के खिलाफ मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर होने वाले दो टेस्ट मैचों के लिये भारतीय टीम में जगह मिली है ।

पिछले साल कुआलालम्पुर में जूनियर हॉकी विश्व कप में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम के लिये छह मैचों में तीन गोल करने वाले 21 वर्ष के युवा फॉरवर्ड लालगे ने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ बचपन से मैं शाहरूख खान का फैन रहा हूं । मैने ‘चक दे इंडिया’ फिल्म देखी जिसमें वह हॉकी कोच बने हैं और उसके बाद ही मुझे हॉकी खेलने का शौक लगा ।’’

उनकी ख्वाहिश एक दिन शाहरूख से मिलने की भी है । उन्होंने कहा ,‘‘ अभी तक उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई लेकिन एक दिन मिलना चाहता हूं ।’’

चार भाई बहनों में सबसे छोटे आदित्य ने पुणे में महाराष्ट्र सरकार की अकादमी में दस साल की उम्र से हॉकी खेलना शुरू किया और परिवार ने इसमें उनका पूरा साथ दिया ।

उन्होंने कहा ,‘‘ भले ही मेरे परिवार में कोई खेलता नहीं था लेकिन मुझे खेलने की पूरी छूट दी । इससे मेरा सफर आसान हो गया ।’’

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह को रोलमॉडल मानने वाले आदित्य का लक्ष्य ओलंपिक खेलना और स्वर्ण पदक जीतना है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हॉकी में हरमनप्रीत सिंह मेरे रोलमॉडल हैं जो दबाव लिये बिना शानदार खेलते हैं । पेरिस ओलंपिक में उनकी कप्तानी में टीम को कांस्य पदक जीतते देखकर काफी प्रेरणा मिली । भविष्य में मैं भी ओलंपिक खेलना चाहता हूं और स्वर्ण पदक जीतना चाहता हूं ।’’

मनदीप, सुखजीत, अभिषेक जैसे ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ी भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति में हैं और अब हर एक स्थान के लिये काफी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है लेकिन आदित्य इसे सकारात्मक मानते हैं ।

उन्होंने कहा ,‘‘ इस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की प्रेरणा मिलती है । मैदान के भीतर और बाहर सभी में बहुत अच्छा तालमेल है । मुझे कप्तान और कोच ने भी खुलकर खेलने के लिये कहा है ।’

उन्होंने यह भी कहा कि लगातार दो ओलंपिक पदक और हॉकी इंडिया लीग शुरू होने से भारतीय हॉकी का भविष्य बहुत अच्छा लग रहा है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ जर्मनी के खिलाफ मैच अच्छे होंगे और अपना शत प्रतिशत देने पर जीत मुश्किल नहीं होगी । अब ये भारतीय टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का दम रखती है । हम आखिरी मिनट गोल नहीं गंवाते और पिछड़ने के बाद वापसी करके मैच जीत रहे हैं ।’’

सात साल बाद वापसी कर रही हॉकी इंडिया लीग में एसजी पाइपर्स दिल्ली के लिये खेलने जा रहे आदित्य को श्रीजेश के साथ खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन लीग में श्रीजेश उनकी टीम के मेंटोर होंगे ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं उनके साथ खेल नहीं सका लेकिन उम्मीद है कि लीग में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा । वह लीजैंड हैं और उनकी टीम में होना गर्व की बात है ।’’

भाषा

मोना पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)