Rubina Francis won bronze for India in shooting on the third day

Paris Paralympic 2024 : तीसरे दिन निशानेबाजी में भारत को कांस्य, मध्यप्रदेश की बेटी रूबिना ने बिखेरा जलवा, इस खेल में आज भी मिलेगा पदक

तीसरे दिन निशानेबाजी में भारत को कांस्य, मध्यप्रदेश की बेटी रूबिना ने बिखेरा जलवा, Rubina Francis won bronze for India in shooting on the third day

Edited By :   Modified Date:  September 1, 2024 / 10:17 AM IST, Published Date : September 1, 2024/7:15 am IST

शेटराउ/पेरिस: Paris Paralympic 2024 भारतीय निशानेबाज रूबिना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत की पदकों की संख्या को बढ़ाया तो वहीं बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार और सुकांत कदम शनिवार को पेरिस पैरालंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए। सुकांत कदम पुरुष एकल एसएल4 सेमीफाइनल में सुहास यथिराज से भिड़ेंगे। जिससे इस स्पर्धा में भारत का एक पदक पक्का हो गया।

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Paris Paralympic 2024 रूबिना का कांस्य पदक निशानेबाजी में देश का चौथा पदक है। वह पैरालंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पिस्टल निशानेबाज हैं। गत चैंपियन और विश्व रिकार्ड धारी निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए 25 वर्षीय रूबिना ने कुल 211.1 अंक हासिल कर आठ महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।ईरान की जावानमार्डी सारेह ने 236.8 के कुल स्कोर के साथ अपना लगातार तीसरा पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता जबकि विश्व रिकॉर्ड धारी तुर्की की ओजगान आयसेल ने 231.1 के साथ रजत पदक जीता। एसएच1 वर्ग में वो पैरा निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जो बिना किसी परेशानी के बंदूक संभालते हुए व्हीलचेयर या चेयर पर बैठकर या खड़े होकर निशाना लगा सकते हैं।

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मध्यप्रदेश की रहने वाली है रुबिना

मध्य प्रदेश के जबलपुर में मैकेनिक की बेटी रूबिना का जन्म एक पैर में दिव्यांगता के साथ हुआ था। दिग्गज भारतीय निशानेबाज गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से प्रेरित होकर वह निशानेबाजी में आयीं। रूबिना की प्रतिभा को गन फॉर ग्लोरी अकादमी ने 2015 में पहचाना और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह तोक्यो पैरालंपिक में भी सातवें स्थान पर रही थी। उन्हें मशहूर कोच जसपाल राणा के छोटे भाई सुभाष राणा ने प्रशिक्षित किया है।

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नितेश, सुकांत बैडमिंटन पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचे

भारतीय शटलर नितेश कुमार और सुकांत कदम ने अपने आखिरी ग्रुप मैचों में सीधे गेम में जीत दर्ज करने के बाद क्रमशः पुरुष एकल एसएल 3 और एसएल 4 श्रेणियों के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले एसएल 3 वर्ग के खिलाड़ी नितेश ने थाईलैंड के मोंगखोन बुनसुन को 21-13, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में शीर्ष स्थान हासिल किया। बुनसुन ने ग्रुप ए से दूसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। दोनों ग्रुप में शीर्ष दो स्थानों पर रहने वाले खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। एसएल3 वर्ग निचले अंगों की गंभीर विकलांगता वाले खिलाड़ियों के लिए है। वे आधी चौड़ाई वाले कोर्ट पर खेलते हैं।

इसी ग्रुप के एक अन्य मुकाबले में तोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार ने चीन के यांग जियानयुआन को 21-1, 21-11 से हराया। वह हालांकि मनोज इससे पहले बुनसुन और नितेश से हारने के बाद सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गये थे। पुरुष एकल एसएल4 वर्ग में सुकांत ने थाईलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया और हमवतन सुहास यतिराज के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहे। तीन खिलाड़ियों के ग्रुप में यह उनकी लगातार दूसरी जीत थी। सुकांत ने पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में कांस्य पदक जीता था। एसएल4 में वो एथलीट प्रतिस्पर्धा करते हैं जिनके निचले अंग में कमजोरी होती है और जन्हें चलने या दौड़ने में संतुलन की मामूली समस्या होती है। सेमीफाइनल में सुकांत के सामने तोक्यो पैरालंपिक के रजत पदक विजेता सुहास की चुनौती होगी जिससे इस स्पर्धा में भारत का एक पक्का पक्का हो गया।

सुकांत ने इस मैच के बाद कहा, ‘‘यह मेरा पहला टूर्नामेंट है। मैं सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करके बहुत खुश हूं। मैं आज के खेल के लिए अच्छी तरह से तैयार था। पहला मैच इससे कहीं अधिक कठिन था। इस मुकाबले में मैं एक बार एक अंक हासिल करने पर ध्यान दे रहा था। ’’ पुरुषों की एसएल4 प्रतियोगिता में चारों ग्रुप में से केवल शीर्ष खिलाड़ी ही सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं। इससे पहले मनदीप कौर ने पेरिस महिला एकल एसएल3 स्पर्धा में ऑस्ट्रेलिया की विनोट सेलीन ऑरेली को हराकर महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। मनदीप ने अपनी ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ ग्रुप बी में अपना आखिरी मैच 21-23 21-10 21-17 से जीता। वह अपना पहला मैच नाइजीरिया की बोलाजी मरियम से हार गई थीं। क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के लिए भारतीय खिलाड़ी के लिए यह मैच जीतना जरूरी था। उन्होंने तीन खिलाड़ियों के ग्रुप बी में दूसरा स्थान हासिल किया। मरियम ने ग्रुप में शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

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तीरंदाजी साइकिलिंग और नौकायन में भारत को निराशा

भारत को तीरंदाजी साइकिलिंग और नौकायन में निराशा का सामना करना पड़ा। तीरंदाज सरिता कुमारी का शानदार प्रदर्शन क्वार्टर फाइनल में समाप्त हो गया, जबकि बिना हाथ वाली शीतल देवी कंपाउंड महिला ओपन वर्ग में अंतिम-16 चरण से बाहर हो गईं। नौवीं वरीयता प्राप्त फरीदाबाद की सरिता ने पहले और दूसरे राउंड में दबदबा बनाए रखा, लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त तुर्की की ओजनूर क्योर गिर्डी ने अंतिम आठ में उनके सपनों की दौड़ को रोक दिया। ओजनूर ने क्वालीफाइंग दौर में 720 अंकों में से 704 अंकों के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने सरिता के खिलाफ दूसरे दौर के बाद तीन परफेक्ट 10 का स्कोर बनाकर पांच अंकों की अच्छी बढ़त बना ली। ओजनूर ने दूसरे दौर में 30 का स्कोर करने के बाद पांच अंको की बड़ी बढ़त बना ली। सरिता ने तीसरे और चौथे दौर में 10 अंक वाले पांच निशाने के साथ वापसी की लेकिन वह ओजनूर से चार अंक दूर रही।सरिता पांचवें दौर में ओजनूर के 29 के मुकाबले 28 अंक ही बना सकी। इस खिलाड़ी ने इससे पहले इटली की एलेनोरा सार्टी को एकतरफा मुकाबले में 141-135 से हराकर शानदार शुरुआत की । सरिता ने पहले दौर के मुकाबले में मलेशिया की नूर जन्नतन अब्दुल जलील को 138-124 से हराया था। सभी की निगाहें जम्मू-कश्मीर की 17 साल की शीतल पर लगी थीं। उन्होंने 703 का स्कोर बनाकर पिछले 698 के विश्व रिकॉर्ड को बेहतर किया था। उनहें अंतिम 16 राउंड में बाई मिली थी।

शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था जिसके कारण उनके अंग अविकसित रह गए थे। शीतल ने पहला सेट 29-28 से अपने नाम किया लेकिन चिली की तीरंदाज ने दूसरे सेट में 27-26 की जीत से बराबरी हासिल की। अगले आठ तीर में कांटे की टक्कर रही जिसमें चिली की तीरंदाज मारियाना ने अंतिम तीर में नौ अंक हासिल करके शीतल को पछाड़ दिया जो आठ अंक बनाकर एक अंक से पिछड़ गईं। साइकिलिंग में अरशद शेख और ज्योति गडेरिया अपने-अपने ट्रैक स्पर्धा में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और क्वालिफिकेशन राउंड में हारकर बाहर हो गए।

पुरुषों के 1,000 मीटर टाइम ट्रायल सी13 के क्वालीफाइंग चरण में शेख 1:21.416 के समय से निराशाजनक निचले (17वें) पायदान पर रहे और फाइनल दौर में जगह बनाने में विफल रहे। वह शुक्रवार को पुरुषों की 3,000 मीटर परस्यूट सी2 स्पर्धा में भी विफल रहे थे। ज्येाति भी महिलाओं की 500 मीटर टाइम ट्रायल सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में 49.233 के समय से निचले (11वें) स्थान पर रहीं। गुरुवार को वह महिलाओं की 3,000 मीटर परस्यूट सी1-3 क्वालीफाइंग स्पर्धा में निचले स्थान पर रही थीं। दोनों भारतीय रोड साइकिलिंग स्पर्धाओं में भी हिस्सा लेंगे। सी1 से सी5 एकल श्रेणियां हैं जिनमें कृत्रिम अंग या ऊपरी या निचले अंगों की सीमित गतिशीलता वाले एथलीट भाग लेते हैं। इस बीच, भारतीय नौकाचालक अनिता और नारायण कोंगनापल्ले शनिवार को यहां पेरिस पैरालंपिक की मिश्रित पीआर3 डबल स्कल्स स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे। यह जोड़ी 7:54.33 सेकेंड से यूक्रेन (7:29.24 सेकेंड) और ब्रिटेन (7:20.53 सेकेंड) से पीछे रही। भारतीय जोड़ी अब फाइनल बी में प्रतिस्पर्धा करेगी जो सातवें से 12वें स्थान के लिए होती है। पीआर3 श्रेणी वे पैरा एथलीट खेलते हैं जिनके पैर कोई काम नहीं कर सकते जिससे वे सीट को स्लाइड कर सकते हैं।

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