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सिडनी, तीन जनवरी (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया मेलबर्न टेस्ट पारंपरिक प्रारूप में भारत के लिए रोहित शर्मा की संभवत: आखिरी उपस्थिति थी, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि सीमित ओवरों का यह दिग्गज खिलाड़ी अगले महीने होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भी क्या राष्ट्रीय टीम के लिए अपनी सेवाएं जारी रखने में सफल रहेगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में रोहित की गैरमौजूदगी को ‘विश्राम’ करार दिया गया लेकिन मेलबर्न में खेले गये चौथे टेस्ट के बाद से ही उनके टीम से बाहर होने की चर्चा थी। पिछले 17 साल से भारतीय टीम के लिए इस खेल के विभिन्न प्रारूपों में अपना सब कुछ झोंकने वाले रोहित का राष्ट्रीय टीम के लिए भविष्य बहुत उत्साहजनक नहीं दिख रहा है। उन्होंने वैसे भी इस साल की शुरुआत में वेस्टइंडीज में आईसीसी विश्व कप में भारत की जीत के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला के बाद चयनकर्ता निश्चित रूप से रोहित और विराट कोहली के नामों पर चर्चा कर भविष्य का खाका तैयार करेंगे। भारतीय टीम को अब घरेलू सरजमीं पर इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवर प्रारूप में द्विपक्षीय श्रृंखला के बाद यूएई में चैम्पियंस ट्रॉफी खेलनी है। कोहली के टेस्ट करियर का भविष्य काफी हद तक सिडनी में दूसरी पारी पर निर्भर करेगा। वह अगर इस बार भी विफल रहे तो उन्हें इंग्लैंड दौरे पर खेली जाने वाली पांच मैचों की श्रृंखला के लिए ले जाना मुश्किल होगा।’’ भारतीय टीम अगर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही तो टीम का अगला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ 18 जून से लीड्स में होगा। रोहित के भविष्य पर कोई फैसला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट के बाद होगा लेकिन टी20 विश्व कप और पांच बार आईपीएल जीतने वाले कप्तान को अब पता होगा कि उनके लिए अपने 67 टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी करना मुश्किल होगा। इस महीने के आखिर में रणजी ट्रॉफी का दूसरा चरण शुरू होगा और अगर रोहित उसमें खेलने का विकल्प चुनते है तो वह यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि भारतीय टीम से अपनी शर्तों पर अलविदा कहना चाहते हैं। चयनकर्ता उसे टेस्ट के लिए नहीं चुनने का फैसला कर सकते हैं लेकिन किसी प्रारूप को अलविदा कहने का विशेषाधिकार खिलाड़ी के पास होता है और वह इस मामले में किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है। इंग्लैंड दौरे से पहले भारतीय क्रिकेट की एकमात्र लाल गेंद वाली प्रतियोगिता रणजी से अगर रोहित दूर रहने का विकल्प चुनते है तो तार्किक रूप से अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति 2025-2027 तक चलने वाले अगले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र के लिए 38 साल के खिलाड़ी को चुनने से बचेगी। आईपीएल से पहले रोहित के पास खुद को साबित करने के लिए इंग्लैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय और चैम्पियंस ट्रॉफी है। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद टीम का अगला वनडे द्विपक्षीय मुकाबला अगस्त में बांग्लादेश के खिलाफ होगा। अगला बड़ा 50 ओवर का आयोजन विश्व कप 2027 में दक्षिण अफ्रीका में होगा। उस समय रोहित की उम्र 40 साल होगी। ऐसे में उनकी फिटनेस क्या पांच-छह सप्ताह में नौ से 11 मैच खेलने का बोझ झेल सकेगी। ऐसे में यह माना जा रहा कि चैम्पियंस ट्रॉफी रोहित के अंतरराष्ट्रीय करियर की आखिरी प्रतियोगिता होगी। वह अगर इस खिताब को जीतने में सफल रहे तो महेंद्र सिंह धोनी के बाद आईसीसी की दो प्रतियोगिता जीतने वाले भारत के दूसरे कप्तान बनेंगे। रोहित की कप्तानी में भारत ने 2023 में आईसीसी वनडे विश्व कप और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल भी खेला है। भाषा आनन्द नमितानमिता
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