मुंबई, 18 जनवरी (भाषा) मुख्य कोच गौतम गंभीर की सलाह पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा तैयार किए गए 10 सूत्री अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों में कुछ नियमों पर रोहित शर्मा को असंमजस है और भारतीय कप्तान इस मुद्दे पर बोर्ड सचिव देवाजीत सैकिया से चर्चा करने वाले हैं।
बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देशों की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया की खबरों में ये 10 सूत्री निर्देश सामने आ चुके हैं।
नीति दस्तावेज में एक मुख्य विवाद पुराने दिनों की ओर लौटना है जब परिवारों को लंबे दौरों पर केवल 14 दिन के लिए अनुमति दी जाती थी। किसी भी बदलाव के लिए कोच गंभीर की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
यह समझा जाता है कि यह नियम टीम के खिलाड़ियों को अच्छा नहीं लगा है।
प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले जब रोहित चयनकर्ताओं के अध्यक्ष अजीत अगरकर के पास बैठे थे तो उन्हें मुंबई के अपने पूर्व साथी से यह कहते हुए सुना गया, ‘‘अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ। फैमिली-वैमिली का डिस्कस करने के लिए, सब मेरे को बोल रहे हैं यार। हर कोई (खिलाड़ी) मुझसे पूछ रहा है। ’’
रोहित की टिप्पणी मीडिया के लिए नहीं थी लेकिन यह ‘माइक्रोफोन’ में रिकॉर्ड हो गई जिसका मतलब समझना मुश्किल नहीं था।
जब रोहित ने दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया? क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे आधिकारिक तौर पर आने दें। ’’
हालांकि जब अगरकर ने बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) मसौदा तैयार किया गया है।
अगरकर से पूछा गया कि आखिर क्या गलत हुआ कि टी20 विश्व कप जीतने के छह महीने के अंदर बीसीसीआई को उन्हीं खिलाड़ियों के साथ एक यात्रा नीति दस्तावेज की आवश्यकता पड़ गई?
ऑस्ट्रेलिया की हार पर चर्चा करने वाली समीक्षा समिति की बैठक का हिस्सा रहे अगरकर ने कहा, ‘‘अगर हम इस पर बात करते रहेंगे तो शायद यह चर्चा जारी रहेगी। ’’
उन्होंने तर्क देने की कोशिश करते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हर टीम के कुछ नियम होते हैं। हमने पिछले कुछ महीनों में कई चीजों के बारे में बात की है जिसमें आप एक टीम के रूप में सुधार कर सकते हैं। यह कोई स्कूल नहीं है। यह कोई सजा नहीं है।
अगरकर ने कहा, ‘‘बस इतना है कि आपके पास कुछ नियम होते हैं और जब आप राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं तो आप उन नियमों का पालन करते हैं। ये परिपक्व खिलाड़ी हैं। वे अंतरराष्ट्रीय खेल में अपने आप में सुपरस्टार हैं। ’’
कई पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि ये नियम हमेशा से ही रहे हैं और अगरकर ने उन्हें ‘प्रोटोकॉल’ कहा है जिसका राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते समय पालन करना होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आखिरकार आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका आप स्वाभाविक रूप से पालन करते हैं जैसा कि हर टीम करती है। मुझे लगता है कि उनमें से बहुत से नियम लागू हैं। ’’
अगरकर ने कहा, ‘‘हो सकता है कि हमने इस बारे में अभी बात की हो और इसे सामने रखा हो, लेकिन उनमें से बहुत से पहले ही लागू हो चुके हैं। अंत में टीम के अनुकूल क्या है, उसी के अनुसार आप इन्हें सुधारते रहते हैं। आप कोशिश करना चाहते हैं और तय करते हैं। ’’
रोहित के मुख्य कोच के साथ कामकाजी संबंधों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं जिस पर कप्तान ने कहा कि एक बार जब वह खेल के मैदान में उतरते हैं तो वह बहुत स्पष्ट होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों (वह और गंभीर) इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि हम क्या करना चाहते हैं। मैं यहां बैठकर यह चर्चा नहीं करने जा रहा हूं कि हर मैच के पीछे क्या रणनीति होती है लेकिन यह मेरे दिमाग में बहुत स्पष्ट है। ’’
रोहित ने कहा, ‘‘गौतम गंभीर एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मैदान पर उतरने के बाद कप्तान के मैदान पर किए जा रहे काम पर भरोसा करते हैं। ’’
भाषा नमिता आनन्द
आनन्द
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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