चेन्नई, पांच अक्टूबर (भाषा) अपनी करिश्माई गोलकीपिंग से उच्च मानदंड स्थापित करने वाले भारतीय हॉकी के दिग्गज पीआर श्रीजेश को इस बात को लेकर कोई संशय नहीं है कि उनके संन्यास के बाद टीम में जो खालीपन आया है वह जल्द ही भर जायेगा।
इस 36 साल के पूर्व महान गोलकीपर ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद खेल को अलविदा कह दिया था।
उनके संन्यास ने भारतीय हॉकी के गोलकीपिंग विभाग में एक बड़ा खालीपन आ गया लेकिन श्रीजेश को विश्वास है कि जल्द ही कोई खिलाड़ी इसे पूरा करने रहेगा।
श्रीजेश ने शनिवार को यहां ‘रोड टू ब्रिस्बेन 2032’ कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘निश्चित रूप से कोई होगा जो मेरी जगह भरेगा। सचिन (तेंदुलकर) के बाद, हम सभी को लगा कि टीम का अब क्या होगा लेकिन विराट कोहली आए और उन्होंने उनकी कमी को पूरा किया। यह इसी तरह से चलता रहता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने खेल के स्तर को ऊंचे स्तर पर रखा ताकि युवा खिलाड़ी वहां तक पहुंचने और उससे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत करें। मैं हमेशा मानता हूं कि युवा खिलाड़ियों के पास मुझ से अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है।’’
श्रीजेश ने संन्यास के बाद राष्ट्रीय अंडर-21 टीम के मुख्य कोच की जिम्मेदारी संभाली। वह पहले ही कह चुके है कि भविष्य में सीनियर टीम के कोच बनने के लिए भी उत्सुक हैं।
राष्ट्रीय अंडर-21 प्रणाली में कोचिंग स्टाफ रखने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर श्रीजेश ने कहा, ‘‘मैंने हॉकी इंडिया से बीरेंद्र लाकड़ा और एसवी सुनील के लिए अनुरोध किया था। जो असाधारण हॉकी खिलाड़ी हैं और उनके पास विभिन्न जगहों पर खेलने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं गोलकीपर हूं और हम तीनों के होने से टीम को व्यवस्थित करना आसान होगा।’’
श्रीजेश से राष्ट्रीय टीम के लिए भारतीय या विदेशी कोच रखने की बहस के बारे में भी पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मैं हमेशा मानता हूं कि जब कोई विदेशी कोच आता है तो बहुत सारी सकारात्मक बदलाव होती है। वे बहुत सारा अनुभव और नयी सोच लेकर आते हैं और यह हमेशा किसी न किसी तरह से फायदा पहुंचाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं चाहता हूं कि वे सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि हमारे कोचों को भी प्रशिक्षित करें ताकि वे उनसे सीखें और हमारे खिलाड़ियों को विकसित करने के लिए उनके ज्ञान का उपयोग करें।
इस साल के अंत में हॉकी इंडिया लीग को फिर से शुरू किया जा रहा है और श्रीजेश ने इसे युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव पाने का एक आदर्श मंच बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘एचआईएल एक शानदार मंच है। जब आप इसे देखते हैं, तो यह एक ऐसा मंच है जहां युवा आगे आ सकते हैं, प्रदर्शन कर सकते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमेशा ऐसी प्रतिभाएं होती है जिन्हें बड़े मंच पर मौका नहीं मिल पाता है लेकिन इस लीग के शुरू होने के बाद उन्हें विश्वव्यापी मंच पर मौका मिलेगा। यह अप्रत्यक्ष रूप से खिलाड़ियों को परिपक्व होने में मदद करेगा क्योंकि आप सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलेंगे।’’
भाषा आनन्द नमिता
नमिता
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