Preeti Pal won bronze, gold expected from shuttlers Suhas and Nitesh

Paris Paralympics 2024 Update : प्रीति पाल ने कांस्य पर किया कब्जा, शटलर सुहास और नितेश से गोल्ड की उम्मीद, भारत में खाते में अब तक आए इतने मेडल

प्रीति पाल ने कांस्य पर किया कब्जा, शटलर सुहास और नितेश से गोल्ड की उम्मीद, Preeti Pal won bronze, gold expected from shuttlers Suhas and Nitesh

Edited By :   Modified Date:  September 2, 2024 / 03:22 PM IST, Published Date : September 2, 2024/12:18 am IST

पेरिस/शेटराउ : Paris Paralympics 2024 Update भारत की पैरा एथलीट प्रीति पाल ने रविवार को यहां कांस्य पदक से पेरिस पैरालंपिक में अपना दूसरा पदक हासिल किया जबकि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज, नितेश कुमार और मनीषा रामदास ने अपने अपने वर्ग में पदक पक्के किये लेकिन स्टार निशानेबाज अवनि लेखरा पदक जीतने की अपनी उपलब्धि दोहराने से चूक गईं। प्रीति पाल ने 30.01 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में कांस्य पदक जीता जो भारत का दूसरा पैरा एथलेटिक्स पदक भी है। सुहास और नितेश अपने वर्गों के पुरुष एकल फाइनल में जगह बनाकर अपने पहले स्वर्ण पदक के करीब पहुंच गए।

टोक्यो चरण के रजत पदक विजेता सुहास हमवतन सुकांत कदम को सीधे गेम में हराकर पुरुष एकल बैडमिंटन एसएल4 फाइनल में पहुंचे और वह पैरालंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनने के लिए तैयार हैं। शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय नितेश ने सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेम में शानदार जीत से पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया। नितेश (29 वर्ष) ने 48 मिनट तक चले सेमीफाइनल में फुजिहारा पर 21-16 21-12 से जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया। 2009 में हुई एक दुर्घटना में उनका पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया था। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी 41 वर्षीय सुहास ने सुकांत को 21-17, 21-12 से हराकर एक बार फिर पैरालंपिक के फाइनल में जगह बनाई।

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भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी मनीषा रामदास ने एसयू5 वर्ग में महिलाओं के एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना हमवतन तुलसीमति मुरुगेसन से होगा जिससे भारत का इस स्पर्धा में पदक पक्का हो गया। मनीषा के दाहिने हाथ में जन्म से ही विकार था। इस 19 वर्षीय खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल में जापान की मामिको टोयोडा को 21- 13 21-16 से हराने में कोई परेशानी नहीं हुई। दूसरी वरीयता प्राप्त भारतीय खिलाड़ी ने अपनी गैरवरीय प्रतिद्वंद्वी को केवल 30 मिनट में बाहर का रास्ता दिखाया। अंतिम चार में मनीषा का मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त तुलसीमति से होगा, जिन्होंने शनिवार को ग्रुप ए में पुर्तगाल की बीट्रिज़ मोंटेइरो को हराया था। इससे पहले मनदीप कौर और पलक कोहली क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही।

एसएल3 वर्ग में खेल रही मनदीप नाइजीरिया की तीसरी वरीयता प्राप्त बोलाजी मरियम एनियोला के सामने किसी तरह की चुनौती पेश नहीं कर पाई और 23 मिनट में 8-21, 9-21 से मुकाबला हार गई। मनदीप की एनियोला के खिलाफ यह लगातार दूसरी हार है। इससे पहले वह ग्रुप चरण में भी नाइजीरियाई खिलाड़ी से हार गई थी। एसएल4 वर्ग में पैरा विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पलक इंडोनेशिया की खलीमातुस सादियाह से 28 मिनट में 19-21, 15-21 से हार गईं। बाद में दिन में नित्या सिवन सुमति एसएच6 श्रेणी के क्वार्टर फाइनल में चुनौती पेश करेंगी। उनका मुकाबला पोलैंड की ओलिविया स्ज़मीगील से होगा। एसएल3 वर्ग के पुरुष एकल सेमीफाइनल में नितेश कुमार का मुकाबला जापान के डाइसुके फुजिहारा से होगा।

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निशानेबाजी में विफलता

दो दिनों में चार पदक जीतने के बाद शूटिंग रेंज में भारत के लिए निराशा की बात यह रही कि अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन (एसएच1) स्पर्धा में 11वें जबकि सिद्धार्थ बाबू 28वें स्थान पर रहे और इस तरह से फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन (एसएच2) क्वालीफिकेशन में श्रीहर्ष देवरड्डी रामकृष्ण 630.2 के कुल स्कोर के साथ 26वें स्थान पर रहे। अवनि 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई और अच्छी शुरुआत के बावजूद 628.8 अंक के कुल स्कोर के साथ फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही। सिद्धार्थ ने 628.3 का स्कोर किया। अवनि के छह सीरीज में अंकों का क्रम 105.7, 106.0, 104.1, 106.0, 104.8, 106.2, जबकि सिद्धार्थ का स्कोर 104.6, 103.8, 105.7, 104.9, 103.6, 105.7 रहा। अवनि ने शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह लगातार दो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थी। उन्होंने विश्व रिकॉर्ड के साथ अपने खिताब का बचाव किया था। एसएच1 में खिलाड़ी बिना किसी मुश्किल के बंदूक पकड़ सकते हैं तथा खड़े होकर या बैठकर निशाना लगा सकते हैं। सीरीज 1 में 44 वर्षीय देवरड्डी ने 105.2 अंक के बाद अगली सीरीज में 105.7 अंक हासिल किए। इसके बाद उन्होंने 105.4, 104.3, 105.6 और 104.0 अंक के स्कोर से निराशाजनक प्रदर्शन किया। 11 वर्ष पहले एक दुर्घटना के कारण उनका अपने अंगों पर नियंत्रण सीमित हो गया था। 1980 में धारवाड़ में जन्मे देवरड्डी अभी अपनी पत्नी, बेटे और माता-पिता के साथ हुबली में रहते हैं। उनकी बाइक बजरी वाली सड़क पर पलट गई और इस दुर्घटना के बाद उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई तथा सर्जरी के बावजूद वे अपने दोनों हाथों तथा पैरों पर नियंत्रण खो बैठे।

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प्रीति के कांस्य को छोड़कर ट्रैक और फील्ड में संघर्ष

प्रीति ने शुक्रवार को पैरालंपिक ट्रैक स्पर्धा में भारत का पहला एथलेटिक्स पदक जीता था। उन्होंने महिलाओं की टी35 100 मीटर प्रतियोगिता में 14.21 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता था। टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं। पर भारत के रवि रोंगाली एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के तीसरे दिन पुरुषों की एफ40 गोला फेंक फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जबकि रक्षिता राजू महिलाओं की 1500 मीटर टी11 दौड़ के शुरुआती दौर में ही बाहर हो गईं। पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले रवि ने 10.63 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनका यह प्रदर्शन हालांकि उन्हें पांचवां स्थान ही दिला पाया। विश्व रिकॉर्ड धारक पुर्तगाल के मिगुएल मोंटेरो ने 11.21 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि मंगोलिया के बटुल्गा त्सेगमिड (11.09 मीटर) ने कांस्य पदक जीता। मौजूदा एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन इराक के गर्राह तनैयाश ने 11.03 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता, जबकि तोक्यो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियन रूस डेनिस गनेजडिलोव 10.80 मीटर के साथ चौथे स्थान पर रहे। वह पेरिस पैरालंपिक में तटस्थ एथलीट के रूप में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। एफ40 वर्ग छोटे कद वाले खिलाड़ियों के लिए है। इससे पहले तेईस साल की रक्षिता हीट तीन में पांच मिनट 29.92 सेकेंड के समय के साथ चार धावकों में आखिरी स्थान पर रही। तीनों हीट से प्रत्येक में शीर्ष दो स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। चीन की शानशान हे चार मिनट 44.66 सेकेंड के समय के साथ रक्षिता की हीट में शीर्ष स्थान पर रही, जबकि दक्षिण अफ्रीका की लौजेन कोएट्जी ने सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास चार मिनट 45.25 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। टी11 श्रेणी दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। इसमें एथलीट गाइड की मदद से प्रतिस्पर्धा करते हैं।

नौकाचालकों का संघर्ष जारी रहा

एशियाई पैरा खेलों की रजत पदक विजेता नारायण कोंगनापल्ले और अनीता की जोड़ी पीआर3 मिश्रित युगल स्कल्स नौकायन में आठवें स्थान पर रही। पैरालंपिक में पदार्पण कर रही यह भारतीय जोड़ी अपने रेपेचेज स्पर्धा के फाइनल बी में आठ मिनट 16.96 सेकेंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रही। फाइनल बी स्पर्धा का आयोजन स्थान निर्धारित करने के लिए था जिसमें सातवें से 12वें पायदान के लिए मुकाबला था।

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तीरंदाजी में राकेश भिड़ेंगे कांस्य पदक मुकाबले

भारतीय तीरंदाज राकेश कुमार कंपाउंड पुरुष ओपन सेमीफाइनल में चीन के प्रतिद्वंद्वी एन शिनलियांग के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाने में विफल रहे और दो अंक से हार गए। दुनिया के नंबर एक तीरंदाज राकेश अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। शिनलियांग ने सेमीफाइनल में राकेश को 145-143 से शिकस्त दी। यह चीन के खिलाड़ी की भारतीय खिलाड़ी पर लगातार तीसरी जीत है। राकेश का अभियान तोक्यो पैरालंपिक में शिनलियांग से क्वार्टर में इसी समान स्कोर से हार से समाप्त हुआ था। इससे पहले राकेश ने अपनी विश्व नंबर एक रैंकिंग को सही साबित करते हुए लगातार शूट-ऑफ जीतते हुए पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। टोक्यो पैरालंपिक में क्वार्टर फाइनल में बाहर होने वाले 39 वर्षीय भारतीय अनुभवी तीरंदाज ने पहले इंडोनेशिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी केन स्वगुमिलांग को 144-144 (10-8) से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। खेल मनोवैज्ञानिक और आहार विशेषज्ञ राकेश ने असाधारण संयम का परिचय देते हुए दो घंटे के भीतर क्वार्टरफाइनल में एक और रोमांचक शूट-ऑफ में कनाडा के काइल ट्रेम्बले को एकदम सटीक निशाना लगाकर144-144 (10*-10) से हराया। राकेश की शुरुआत धीमी रही। वह नौ तीरों के बाद दो अंकों से पीछे चल रहे थे। पर उन्होंने धैर्य बनाए रखते हुए चौथी सीरीज में तीन परफेक्ट 10 लगाए जिससे उन्हें 116-115 की मामूली बढ़त हासिल हुई। पर रोमांच तब पैदा हुआ जब राकेश एक अंक से पिछड़ गए। कनाडाई तीरंदाज ने दो 10 अंक के शॉट लगाए और उनका अंतिम तीर केंद्र के करीब लगा। स्कोर 144-144 से बराबर था। राकेश इसी स्कोरलाइन के बाद शूट-ऑफ से क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे।