पी आर श्रीजेश को पद्म भूषण, अश्विन, हरिवंदर समेत चार को पद्मश्री |

पी आर श्रीजेश को पद्म भूषण, अश्विन, हरिवंदर समेत चार को पद्मश्री

पी आर श्रीजेश को पद्म भूषण, अश्विन, हरिवंदर समेत चार को पद्मश्री

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Modified Date: January 25, 2025 / 10:16 PM IST
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Published Date: January 25, 2025 10:16 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा ) भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश को पद्म भूषण सम्मान के लिये चुना गया जबकि हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत चार खिलाड़ियों और एक पैरा कोच को पद्मश्री से नवाजा जायेगा ।

मेजर ध्यानचंद (1956) के बाद पद्म भूषण पाने वाले श्रीजेश दूसरे हॉकी खिलाड़ी हैं ।

देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के लिये चुने गए खिलाड़ियों में भारत के महान फुटबॉलर आई एम विजयन और पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के पहले पैरा एथलीट हरविंदर सिंह शामिल है ।

पैरा एथलेटिक्स कोच सत्यपाल सिंह को भी पद्मश्री से नवाजा जायेगा जो खेलरत्न पुरस्कार पाने वाले पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता ऊंची कूद के पैरा खिलाड़ी प्रवीण कुमार के कोच भी हैं ।

सत्यपाल ने कहा ,‘‘ यह सम्मान इतने सारे लोगों के मुझ पर किये गए भरोसे की वजह से मिला । मैं 2018 से प्रवीण कुमार के साथ हूं और इस पुरस्कार के लिये उसे बहुत श्रेय जाता है ।’’

पेरिस में लगातार दूसरा ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद हॉकी से विदा लेने वाले श्रीजेश इस समय भारतीय जूनियर पुरूष टीम के मुख्य कोच हैं ।

भारतीय हॉकी के महानतम गोलकीपरों में शुमार श्रीजेश तोक्यो ओलंपिक में भारत को 41 साल बाद ओलंपिक पदक दिलाने में सूत्रधार रहे थे । उन्होंने अपने 18 वर्ष के कैरियर में 336 मैच खेले और दो बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया ।

वहीं आस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने वाले अश्विन टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिये सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं । उन्होंने 106 मैचों में 537 विकेट लिये ।

अश्विन 2011 वनडे विश्व कप और 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम के सदस्य थे । उन्होंने 2011 से 2020 के बीच दशक की आईसीसी टेस्ट टीम में चुना गया ।

वहीं ‘कैथल के एकलव्य’ कहे जाने वाले 33 वर्ष के हरविंदर ने पेरिस पैरालम्पिक में रिकर्व ओपन वर्ग में व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता । बचपन में डेंगू होने पर गलत इंजेक्शन दिये जाने से उनके पैरों में विकार आ गया था ।

55 वर्ष के विजयन 2000 से 2004 तक भारत के कप्तान रहे और बाईचुंग भूटिया के साथ भारतीय आक्रमण की धुरी भी रहे ।

पद्म भूषण भारत रत्न और पद्म विभूषण के बाद तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है ।

इस साल सात हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को विभिन्न क्षेत्रों में पद्मश्री प्रदान किये जायेंगे ।

भाषा मोना

मोना

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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