तोक्यो, 27 जुलाई (भाषा) तोक्यो ओलंपिक में चीनी धुरंधर मा लोंग को कड़ी टक्कर देने के बाद हारकर बाहर हुए भारत के शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने कहा कि अब उनका लक्ष्य 2024 में पेरिस में होने वाले ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतना है।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि चार बार के ओलंपियन शरत का यह आखिरी ओलंपिक था ।
39 साल के इस खिलाड़ी ने अपने इंस्टाग्राम लाइव पर कहा कि इस प्रदर्शन के बाद खेल को जारी रखने को लेकर उनका हौसला बढ़ा है और अब उनका लक्ष्य तीन साल बाद पेरिस में होने वाले ओलंपिक में पदक जीतना है। फिलहाल वह अपनी ऊर्जा अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों लगाना चाहते है।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर ओलंपिक के दौरान हौसला बढ़ने के लिए प्रशंसकों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरा ध्यान अगले साल आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में बेहतर प्रदर्शन के साथ तीन साल के बाद होने वाले पेरिस ओलंपिक में पदक के सपने को पूरा करने का है।’’
उन्होंने इस ओलंपिक में मनिका बत्रा और सुतिर्था मुखर्जी के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय टेबल टेनिस का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है लेकिन अभी सर्वश्रेष्ठ परिणाम आना बाकी है।
शरत ने कहा, ‘‘हम इस प्रतियोगिता में ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाये लेकिन हमारा प्रदर्शन कमाल का रहा। इससे युवा खिलाड़ियों का हौसला जरूर बढ़ेगा। मुझे यकीन है कि हम भविष्य में इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’
उन्होंने मा लोंग के खिलाफ शिकस्त के बावजूद कहा कि दो दशक लंबे अपने करियर के दौरान यह उनका सर्वश्रेष्ठ मैच था।
चीन के दिग्गज खिलाड़ी के खिलाफ राउंड आफ 32 मुकाबले में प्रदर्शन से शरत को यकीन हो गया है कि वह पेरिस ओलंपिक में भी हिस्सा ले पाएंगे।
दुनिया के 32वें नंबर के खिलाड़ी शरत ने इससे पहले पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैंने सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाया और यह मेरे सर्वश्रेष्ठ ओलंपिक खेल थे, सिर्फ मैं जिस तरीके से खेला उसके कारण। मैं यहां अगर किसी चीज को बदलना चाहूंगा तो वह ड्रॉ है। अगर इस स्थिति में कोई (मा लोंग के अलावा) और होता तो मेरे पास क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने का वास्तविक मौका होता।’’
शरत स्वयं भी हैरान हैं कि वह सटीक और तेजतर्रार फोरहैंड और बैकहैंड विनर लगाने में सफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस पर जिस तरह का दबाव डालने में सफल रहा उससे मैंने उसे लगभग हरा ही दिया था।’’
शरत ने हार के बाद खेल गांव लौटने के लिए बस में चढ़ते हुए जब यह बात कही तो उनकी आवाज में हल्की निराशा झलक रही थी।
शरत ने कहा, ‘‘यह पूरा मुकाबला मा (जो टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे थे) पर दबाव डालने से जुड़ा था। मैं दुर्भाग्यशाली रहा कि तीसरा गेम नहीं जीत पाया, अन्यथा यह बिलकुल अलग तरह का मुकाबला होता।’’
दूसरे गेम में जीत दर्ज करने के बाद शरत ने तीसरा गेम 11-13 से गंवा दिया।
जयपुर में 2015 एशियाई खेलों के दौरान शीर्ष 20 में शामिल तीन खिलाड़ियों को हराने वाले शरत ने कहा कि तोक्यो में उनके प्रयास ने स्वदेश में किए प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया।
शरत ने कहा, ‘‘अब तक का सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट। बेहद खुश हूं कि अधिक उम्र होने के बावजूद मैं इस तरह का खेल दिखा पाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा वाट्सऐप संदेशों से भरा है जिसमें पेरिस खेलों तक खेलते रहने को कहा गया है। एकमात्र व्यक्ति जो ऐसा नहीं चाहता वह मेरी पत्नी (हंसते हुए कहते हैं) है। इस प्रदर्शन से निश्चित तौर पर मेरा पेरिस में खेलने के लिए आत्मविश्वास बढ़ा है।’’
भाषा आनन्द आनन्द मोना
मोना
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