इस तरह की पिच पर कोई भी विश्व कप का सेमीफाइनल नहीं खेलना चाहेगा: ट्रॉट |

इस तरह की पिच पर कोई भी विश्व कप का सेमीफाइनल नहीं खेलना चाहेगा: ट्रॉट

इस तरह की पिच पर कोई भी विश्व कप का सेमीफाइनल नहीं खेलना चाहेगा: ट्रॉट

:   Modified Date:  June 27, 2024 / 01:30 PM IST, Published Date : June 27, 2024/1:30 pm IST

तारोबा (त्रिनिदाद), 27 जून (भाषा) अफगानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां टी20 विश्व कप सेमीफाइनल के लिए इस्तेमाल की गई पिच की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बड़े मुकाबले के लिए यह उपयुक्त नहीं थी।

इस पिच से तेज गेंदबाजों को मूवमेंट मिल रहा था और इसमें अनिश्चित उछाल दी थी। अफगानिस्तान की टीम इस पिच पर केवल 56 रन बनाकर आउट हो गई जो टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूनतम स्कोर है।

दक्षिण अफ्रीका ने भले ही लक्ष्य 8.5 ओवर में हासिल कर दिया लेकिन उसके बल्लेबाजों को भी संघर्ष करना पड़ा।

ट्रॉट ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं खुद को परेशानी में नहीं डालना चाहता और मैं अंगूर खट्टे हैं जैसा मामला भी नहीं बनना चाहता लेकिन यह उस तरह की पिच नहीं थी जिस पर कोई विश्व कप का सेमीफाइनल खेलना चाहेगा।’’

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि इस पिच ने बल्लेबाजी को पूरी तरह से खेल से बाहर कर दिया।

उन्होंने कहा,‘‘मुकाबला बराबरी का होना चाहिए। मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि यह सपाट होनी चाहिए जिसमें स्पिन या सीम मूवमेंट न हो। मेरे कहने का मतलब है कि आपको बल्लेबाजों की भी चिंता होनी चाहिए। बल्लेबाजों को अपने पांव के मूवमेंट पर विश्वास होना चाहिए और उन्हें अपने कौशल का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।’’

ट्रॉट ने कहा,‘‘टी20 का खेल आक्रामकता तथा रन बनाने और विकेट लेने से जुड़ा है। यह प्रारूप क्रीज पर टिके रहने के लिए नहीं बना है।’’

तारोबा में विश्व कप के पांच मैच खेले गए जिनमें से पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम केवल एक बार 100 रन के पार पहुंची। मेजबान वेस्टइंडीज ने न्यूजीलैंड के खिलाफ छह विकेट पर 149 रन बनाए और उसका सफलतापूर्वक बचाव भी किया।

अफगानिस्तान का अपना पहला विश्व कप सेमीफाइनल खेलने से पहले काफी व्यस्त कार्यक्रम था और ट्रॉट ने कहा कि उनके खिलाड़ी थके हुए थे।

उन्होंने कहा,‘‘हम पिछले मैच के बाद तीन बजे होटल पहुंच पाए थे और इसके 5 घंटे बाद हमें निकलना पड़ा। इस तरह से हमें सोने का बहुत अधिक वक्त नहीं मिला और खिलाड़ी वास्तव में थके हुए थे।’’

ट्रॉट ने कहा,‘‘लेकिन हम अपने कार्यक्रम से अवगत थे और यह कोई बहाना नहीं है। जब आप विश्व कप या किसी टूर्नामेंट में खेलते हैं तो सभी चीजें आपके अनुरूप नहीं होती हैं और आपको इन मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ना होता है।’’

भाषा

पंत मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)