नितेश बीएआई की उदासीनता से निराश, बैडमिंटन को पीसीआई के अधीन रखने की मांग |

नितेश बीएआई की उदासीनता से निराश, बैडमिंटन को पीसीआई के अधीन रखने की मांग

नितेश बीएआई की उदासीनता से निराश, बैडमिंटन को पीसीआई के अधीन रखने की मांग

:   Modified Date:  September 11, 2024 / 08:12 PM IST, Published Date : September 11, 2024/8:12 pm IST

(अमित कुमार दास)

नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) से पर्याप्त मान्यता नहीं मिलने और प्रशासनिक खींचतान से निराश पैरालंपिक चैंपियन कुमार नितेश ने खेल की बेहतरी और प्रगति के लिए पैरा बैडमिंटन को भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अधीन स्थानांतरित करने की मांग की है।

हरियाणा के 29 साल के नितेश ने पेरिस पैरालंपिक के पुरुष एकल के एसएल3 वर्ग में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कहा कि पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ साथी सक्षम खिलाड़ियों की तरह की व्यहवार किए जाने की जरूरत है।

नितेश ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने एशियाई पैरा खेलों में 21 पदक जीते, विश्व चैंपियनशिप में 14-15 पदक जीते और पैरालंपिक में पांच पदक जीते लेकिन बीएआई से हमें सामान्य सराहना भी नहीं मिली। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई नई समस्या नहीं है, यह लगातार होने वाली समस्या है। उनका पूरा ध्यान सक्षम शरीर वाले खिलाड़ियों पर है, पैरा बैडमिंटन को बढ़ावा देने के लिए वे न्यूनतम प्रयास करते हैं।’’

बीएआई ने पेरिस में प्रदर्शन के लिए जब पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को ‘एक्स’ पर बधाई दी थी तो नितेश सोशल मीडिया पर असंतोष जाहिर किया था।

नितेश ने लिखा, ‘‘बीएआई मीडिया से कभी कभी सोशल मीडिया पर मिलने वाली सराहना के अलावा हम खिलाड़ी बीएआई के पैरा बैडमिंटन में रुचि की कमी से बेहद असंतुष्ट हैं।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘हम साइ मीडिया और बीएआई से अनुरोध करते हैं कि वे पैरा बैडमिंटन को पीसीआई को सौंप दें जिसका पैरा खेलों को समर्थन देने का बेहतर रिकॉर्ड है।’’

आईआईटी मंडी से पढ़ाई करने वाले नितेश ने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रभावित करने वाले कई प्रशासनिक मुद्दों को सामने रखा।

नितेश ने कहा, ‘‘बहुत ज्यादा प्रशासनिक देरी और अक्षमताएं हैं। अक्सर सिर्फ एक या दो लोग ही सभी चीजों का प्रबंधन करते हैं और यह उनके लिए बहुत ज्यादा काम होता है, वे कभी-कभी कुछ चीजों से चूक जाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ खिलाड़ियों की प्रविष्टियां कई बार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं भेजी जाती और कहा जाता है कि प्रविष्टि स्पैम फोल्डर में चली गई। हमें चीजें बहुत देर से मिलती हैं। कई बार हमें हवाई अड्डे पर इंतजार करना पड़ता है। हमें स्थानीय आयोजक से परिवहन नहीं मिलता क्योंकि भुगतान समय पर नहीं किया गया होता।’’

उन्होंने कई तरह साजो-सामान से जुड़ी समस्याओं का हवाला दिया जिनका उन्हें समय-समय पर सामना करना पड़ता है।

नितेश ने कहा, ‘‘होटल के कमरे समय पर बुक नहीं किए जाते। हमें आखिरी समय में फ्लाइट मिलती है। ये मुद्दे क्वालीफिकेशन अवधि के दौरान विशेष रूप से तनावपूर्ण थे लेकिन अब जब हमारे पास कुछ खाली समय है तो हम इनका समाधान निकालने की उम्मीद करते हैं।’’

विशाखापत्तनम में 2009 में एक रेल दुर्घटना में अपना बायां पैर खोने वाले नितेश ने भविष्य में खिलाड़ियों के लिए बेहतर समर्थन सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों को हल करने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाल ही में खेल मंत्री के साथ अपनी चिंताओं को उठाया और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह इस मामले को देखेंगे।’’

वर्तमान में एथलेटिक्स, निशानेबाजी और पावरलिफ्टिंग का प्रबंधन पीसीआई द्वारा किया जाता है जबकि बैडमिंटन, तीरंदाजी और टेबल टेनिस जैसे अन्य पैरा खेल सक्षम खिलाड़ियों के संबंधित राष्ट्रीय महासंघों जैसे बीएआई, एएआई (भारतीय तीरंदाजी संघ) और टीटीएफआई (भारतीय टेबल टेनिस महासंघ) के अंतर्गत आते हैं।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)